Rangbhari Ekadashi : रंगभरी एकादशी माता पार्वती और भगवान शिव को समर्पित होती है. इस दिन भगवान विष्णु के साथ-साथ भगवान शिव की पूजा विधि-विधान से की जाती है. इस साल 10 मार्च यानि की आज रंगभरी एकादशी मनाई जा रही है. रंगभरी एकादशी के दिन काशी में भगवान शिव और माता पार्वती की विशेष पूजा-अर्चना होती है. साथ ही आज गोविंद द्वादशी का व्रत भी किया जाएगा. रंगभरी एकादशी को अमला एकादशी के नाम से भी जाना जाता है.
रंगभरी एकादशी (Rangbhari Ekadashi) पर माता पार्वती और शिव की साथ में करें पूजा
मान्यता है कि रंगभरी एकादशी के दिन माता पार्वती से विवाह करने के बाद शिव पहली बार उन्हें लेकर काशी पहुंचे थे. तब देवता-गणों ने दीप-आरती के साथ फूल, गुलाल और अबीर उड़ाकर उनका स्वागत किया था. इसलिए हर साल रंगभरी एकादशी मनाई जाती है.
इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती को प्रसन्न करने के लिए आप कई उपाय कर सकते हैं. इस दिन भगवान शिव की विशेष पूजा करने से शादी-शुदा जिदंगी में खुशहाली आएगी. जो भक्त सच्चे मन से आज के दिन माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा करते हैं उनकी सारी मनोकामनायें पूर्ण होती हैं.
शिवलिंग स्वरुप का अभिषेक करें
रंगभरी एकादशी के दिन शिवलिंग स्वरुप का गाय के दूध, शहद, घी और गंगाजल को मिलाकर अभिषेक करें. भगवान शिव को बेलपत्र, भांग, फूल और नैवेद्य जरुर चढ़ायें.
रंग-बिरंगे फूलों को अर्पित करें
रंगभरी एकादशी के दिन रंगों का बहुत अधिक महत्व होता है. इसलिए भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करते वक्त उनको गुलाब, चंपा या चमेली जैसे रंग-बिरंगे फूल जरुर चढ़ायें. इससे भगवान शिव और माता पार्वती प्रसन्न होगीं.