मार्गशीर्ष अमावस्या का हिंदू धर्म में बहुत अधिक महत्व होता है। इस दिन स्नान, दान और धर्म करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। इस दिन कुछ विशेष उपाय करने से व्यक्ति को पितरों का आर्शीवाद प्राप्त होता है। साथ ही जीवन में आने वाली कई समस्याओं से निजात भी प्राप्त हो जाता है।
मार्गशीर्ष अमावस्या की तिथि
मार्गशीर्ष की अमावस्या तिथि 12 दिसंबर को सुबह 06 बजकर 24 मिनट पर प्रारंभ हो रहा है। साथ ही इसका समापन 13 दिसंबर को सुबह 05 बजकर 01 मिनट पर होगा। ऐसे में मार्गशीर्ष अमावस्या 12 दिसंबर, मंगलवार के दिन पड़ रही है।
इस दिन स्नान करने के बाद जरुर करें तर्पण
मार्गशीर्ष अमावस्या की तिथि पर पितरों को तर्पण जरुर करना चाहिए। स्नान करने के पश्चात जल से पितरों को तृपण करें। पितरों को याद करते हुए हाथ में कुश की पवित्री धारण करें। इसके पश्चात काले तिल और जल से पितरों के लिए तर्पण करें। ऐसा करने से व्यक्ति को पितरों का आशीर्वाद मिलता है।
प्रसन्न होंगे पितृ
मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन ब्राह्मणों को भोजन कराएं और इसके बाद दान-दक्षिणा दें और जरूरतमंदों को अपनी क्षमता अनुसार अन्न या वस्त्र का दान करें। ऐसा करने से पितृ प्रसन्न होते हैं, जिससे व्यक्ति के कार्यों में किसी प्रकार की बाधा नहीं आती।
इसके साथ ही आप इस दिन पितरों का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए व्रत आदि भी कर सकते हैं। मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन शाम के वक्त पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाने से भी पितरों की कृपा प्राप्त की जा सकती है।
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