रोहतक : आम आदमी पार्टी के छात्र संगठन सीवाईएसएस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष दीपक धनखड़ के नेतृत्व में मंगलवार को रोहतक नगराधीश अंकित कुमार (एचसीएस) को हरियाणा के राज्यपाल व मुख्यमंत्री के नाम एमडीयू की रूकी हुई ग्रांट को बढ़ाकर देने को मांग उठाई।
धनखड़ ने नगराधीश को ज्ञापन देते हुए कहा कि कुछ दिन पहले एमडीयू ने नये दाखिले लेने वाले विद्यार्थियों की लगभग पांच गुना तक फीस बढ़ा दी थी, जिसके बाद एमडीयू के कुलपति ने कहा था कि हमारे पास सैलरी देने तक के पैसे की नौबत आ जाएगी अगर फीस नहीं बढ़ाई तो, जिसका विधार्थियों ने पुरजोर विरोध किया और एमडीयू को फीस वापस लेनी पड़ी। इसके साथ में उन्होंने सरकार से मांग की थी कि सरकार को सरकारी विश्वविद्यालय में अच्छी गुणवत्ता की शिक्षा कम से कम शुल्क में प्राप्त करने की जिम्मेदारी से मुंह नहीं मोड़ना चाहिए। अभी हरियाणा सरकार की तरफ से विश्वविद्यालय में होने वाले खर्च का मात्र 20 से 25% तक बजट मिलता है बाकी का विश्वविद्यालय विद्यार्थियों की फीस व खुद के संसाधनों से जुटता है।
उन्होंने कहा कि हर महीने की 1 तारीख को कर्मचारियों को वेतन मिल जाता था लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ, एमडीयू के पास वेतन देने तक के पैसे नहीं रहे , पिछले महीने भी एमडीयू द्वारा इधर-उधर से प्रयास कर के कर्मचारियों का वेतन दिया गया । इस महीने का कोई भरोसा नहीं की कब कर्मचारियों को वेतन मिलेगा। इस वर्ष की ग्रांट भी अभी तक सरकार द्वारा एमडीयू को नहीं दी गई है, आखिर इसके पीछे किसकी जिम्मेदारी है।
दीपक धनखड़ ने हरियाणा के राज्यपाल से मांग करते हुए कहा कि वह एमडीयू के कुलपति को नसीहत देते हुए इस मामले में संज्ञान लेने की कहे कि इस वक्त एमडीयू में लगभग 80 करोड़ के निर्माण कार्य चल रहे हैं, जब तक बजट नहीं मिल जाता व इसका समाधान नहीं हो जाता तब तक एमडीयू में होने वाले सभी निर्माण कार्यों को रुकवा दिया जाए व नए टैंडरो पर रोक लगाई जाए और अनावश्यक कार्यक्रम करवाने बंद किए जाएं जिससे विद्यार्थियों की फीस पर बोझ ना पड़े और उनकी शिक्षा में कोई बाधा ना आए व शिक्षक व गैर शिक्षक कर्मचारियों को समय पर वेतन मिल सके ।
प्रदेश सह सचिव अमन आलडिया ज्ञापन के माध्यम से सरकार से मांग करते हुए कहा कि एमडीयू का सालाना होने वाले खर्च का 75% का बजट सरकार द्वारा दिया जाए और इस वर्ष की भी सरकार ने अभी तक एमडीयू को ग्रांट नही दी है , आने वाले तीन दिन के अंदर सरकार एमडीयू को ग्रांट दे अन्यथा जल्द ही शिक्षक , गैर शिक्षक कर्मचारियों के साथ मिलकर विद्यार्थी वर्ग इस मुद्दे को जनमुद्दा बनाते हुए बड़ा आंदोलन करेंगे और एमडीयू में जो भी सरकार का मंत्री या मुख्यमंत्री आएगा उसका विरोध करेंगे ।