अंबाला/जींद। दिल्ली कूच को लेकर किसान आंदोलन का शनिवार (24 फरवरी) को 12वां दिन है। पंजाब के किसान शंभू और खनौरी बॉर्डर पर डटे हुए हैं। लेकिन फ़िलहाल किसानों ने दिल्ली कूच का फैसला 29 फरवरी तक टाल दिया है। किसान नेता सरवण पंधेर ने कहा कि इस पर उसी दिन फैसला लेंगे। शंभू और खनौरी बॉर्डर पर आज शाम को कैंडल मार्च होगा। वहीं हरियाणा के 7 जिलों में मोबाइल इंटरनेट पर रोक 24 फरवरी की रात 12 बजे तक के लिए बढ़ा दी गई है।
शुभकरण की मौत पर करें हत्या की FIR
उधर, खनौरी बॉर्डर पर बठिंडा के युवा किसान शुभकरण का अभी अंतिम संस्कार नहीं हुआ है। पंजाब सरकार ने परिवार को 1 करोड़ का मुआवजा और बहन को सरकारी नौकरी की घोषणा की। किसान संगठनों और परिवार की मांग है कि पंजाब पुलिस शुभकरण की मौत के मामले में हत्या की FIR दर्ज करे। शनिवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल, सरवन सिंह पंधेर, अभिमान्न्यु कोहाड ने कहा कि जब तक पंजाब सरकार हरियाणा पुलिस पर एफआईआर करने सहित उनकी मांगों को नहीं मान लेती, तब आंदोलन के दौरान दातासिंहवाला बार्डर पर अपनी जान गंवाने वाले शुभकरण के शव का अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा।
कब क्या करेंगे किसान
इतना नहीं किसानों ने मांग नहीं मानने पर पंजाब सरकार के खिलाफ भी बड़ा आंदोलन करने का ऐलान किया। किसानों ने 29 फरवरी तक दिल्ली कूच को टालने के साथ 24 से 28 फरवरी तक कुछ इस प्रकार से अपने कार्यक्रम निर्धारित किए हैं। शनिवार शाम 24 फरवरी को दोनों बार्डर पर शहीदों के लिए कैंडल मार्च निकाला जाएगा। 25 फरवरी को दोनों बार्डर पर डब्ल्यूटीओ की मीटिंग को लेकर सेमिनार किया जाएगा, जिसमें बुदि्धजीवी को भी आमंत्रित किया जाएगा।
26 को दिन में देश के सभी गांवों में केंद्र सरकार के पुतले जलाए जाएंगे तथा शाम को दातासिंहवाला( खनौरी) बॉडर व शंभू बॉर्डर पर 20 फीट ऊंचे केंद्र सरकार के पुतले जलाए जाएंगे। 27 फरवरी को एसकेएम व केएमएम इन मुद्दों पर चर्चा करेगा। 28 तारीक को एकेएम और केएएम एक मंच पर मीटिंग कर आंदोलन की रूपरेखा पर चर्चा करेंगे तथा 29 को आंदोनल की आगे की रणनीति का ऐलान किया जाएगा। किसान नेताओं ने 29 फरवरी तक आंदोलन में शामिल किसी को भी हरियाणा की तरफ नहीं जाने के लिए आगाह किया।
पंजाब सरकार के रूख से खफा किसान नेता
शुभकरण की मौत के बाद किसान नेता पंजाब सरकार के रूख से भी खफा है। किसानों ने स्पष्ट किया कि पंजाब सरकार जब तक दोषियों के खिलाफ एफआईआर नहीं करेगी तब तक शुभकरण के शव का अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा। किसानों ने स्पष्ट किया कि यदि इसी प्रकार से दोगली नीति पर चलते हुए पंजाब सरकार हरियाणा सरकार की मदद करती रही तो पंजाब सरकार के खिलाफ बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।
खेड़ा चौपटा में हुई थी भिड़ंत
शुक्रवार को दातासिंहवाला बार्डर पर बढ़ने से रोकते समय किसानों ने खेड़ी चौपड़ा में पुलिस पर जमकर लाठी डंडे व पत्थर बरसाए थे। जिसके विरोध में पुलिस ने लाठीचार्ज व आंसू गैस का प्रयोग किया था। जिसमें कई जवान व किसान घायल हुए थे। इस दौरान पुलिस ने कई लोगों को हिरासत में भी लिया था। किसान आंदोलन पार्ट टू में पहली बार हरियाणा के किसान खेड़ी चौपटा में पुलिस के प्रति उग्र दिखे थे।
आंदोलन में अब तक कब क्या हुआ
पंजाब के किसान 13 फरवरी को दिल्ली कूच के लिए निकले थे। जिन्हें हरियाणा पुलिस ने दातासिंहवाला बार्डर पर रोक दिया था। किसानों के दिल्ली कूच से पहले हरियाणा सरकार ने 11 जनवरी को सात जिलों जींद, कैथल, अंबाला, फतेहाबाद, सिरसा, कुरूक्षेत्र व हिसार में इंटरनेट सेवा बंद कर दी थी। जिन्हें सरकार ने अब 24 फरवरी की आधी रात तक बढ़ा दिया है। 21 फरवरी को दिल्ली कूच को लेकर दातासिंहवाला व शंभू बार्डर पर किसानों व पुलिस में भिड़ंत हो गई थी।
दातासिंहवाला पंजाब के युवा शंभकरण की मौत हो गई थी तथा एक दर्जन से अधिक पुलिस कर्मियों सहित पांच दर्जन से अधिक लोग घायल हुए थे। इससे पहले दिल्ली कूच पर अड़े किसानों व पुलिस के बीच 13 व 14 फरवरी को शंभू व दातासिंहवाला बार्डर पर दो दिन झड़प चली थी। जिसमें पुलिस व किसानों सहित दर्जनों लोग घायल हुए थे। 21 फरवरी को अपनी जान गंवाने वाले शंभूकरण सहित आंदोलन में अब तक तीन जवानों सहित पांच लोगों की मौत होने के साथ सैंकड़ों लोग घायल हो चुके हैं।
13 से 18 फरवरी के बीच किसानों के बीच चार दौर की बातचीत हुई। 18 फरवरी को हुई चौथे दौर की बातचीत के बाद किसानों ने 19 फरवरी की शाम केंद्र का प्रस्ताव खारिज कर 21 को दिल्ली कूच का ऐलान किया था तथा दिल्ली कूच को लेकर दातासिंहवाला बार्डर पर पुलिस व किसानों की झड़प में एक किसान की मौत तथा दोनों पक्षों के पांच दर्जन से अधिक लोग घायल हुए थे। जिसके बाद किसानों ने दो दिन के लिए दिल्ली कूच टाल दिया था। जिसे अब 29 फरवरी तक बढ़ा दिया गया है।