प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंगलवार को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक हुई। इस बैठक में 3 बड़े फैसले लिए गए गए। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जानकारी दी।
कैबिनेट ने बैठक में 18,541 करोड़ रुपये की योजनाओं की मंजूरी दी गई। जिसमे ओडिशा, पंजाब और आंध्र प्रदेश में चार नए सेमीकंडक्टर विनिर्माण इकाइयों को मंजूरी दी गई। इस पर लगभग 4,600 करोड़ रुपए का कुल निवेश होगा। ये परियोजनाएं देश में विकसित हो रही विश्व स्तरीय चिप डिज़ाइन क्षमताओं को और मजबूत करेंगी।
वहीं सरकार ने 700 मेगावाट की ताटो-II हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट को भी मंजूरी दी है। इसमे 8,146 करोड़ रुपए की लागत आएगी। परियोजना पूरी होने की अनुमानित अवधि 72 महीने है।यह परियोजना 2738.06 मिलियन यूनिट ऊर्जा का उत्पादन करेगी। परियोजना से उत्पन्न बिजली अरुणाचल प्रदेश में विद्युत आपूर्ति में सुधार लाने और राष्ट्रीय ग्रिड (भारत के विभिन्न ऊर्जा संयंत्रों और उपकेन्द्रों को जोड़ने वाली उच्च वोल्टेज विद्युत शक्ति संचरण प्रणाली) के संतुलन में भी सहायक होगी।
वहीं कैबिनेट ने उत्तर प्रदेश में लखनऊ मेट्रो रेल परियोजना के चरण-1बी को मंजूरी दे दी है। इस परियोजना का कॉरिडोर 11.165 किलोमीटर लंबा होगा और इसमें 7 भूमिगत और 5 एलिवेटेड स्टेशनों को मिलाकर कुल 12 स्टेशन होंगे। चरण-1बी के चालू होने पर, लखनऊ शहर में 34 किलोमीटर का मेट्रो रेल नेटवर्क संचालित होगा।
लखनऊ मेट्रो रेल परियोजना का चरण-1बी शहर के बुनियादी ढांचे के विकास में एक महत्वपूर्ण प्रगति का प्रतिनिधित्व करता है। चरण-1बी शहर में मेट्रो रेल नेटवर्क के एक बड़े विस्तार को साकार करता है।