Haryana News: हरियाणा सरकार ने नशीली दवाओं के दुरुपयोग के खिलाफ अपनी लड़ाई को तेज करते हुए प्रत्येक नागरिक से नशा मुक्त हरियाणा के सपने को साकार करने में सक्रिय भागीदार बनने का आह्वान किया है।
गृह विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुमिता मिश्रा ने सभी नागरिकों से आग्रह किया है कि वे मानस हेल्पलाइन 1933 का सक्रिय रूप से उपयोग करें, यह एक चौबीस घंटे चलने वाली एक गोपनीय सेवा जिसे नशीले पदार्थों के खिलाफ लड़ाई में समुदाय को सशक्त बनाने के लिए डिजाइन की गई है।
डॉ. मिश्रा ने कहा कि नागरिक मादक पदार्थों की तस्करी से संबंधित किसी भी जानकारी की रिपोर्ट कर सकते हैं, जिसमें नशीले पदार्थों की बिक्री, खरीद या अवैध खेती शामिल है। उन्होंने कहा कि मानस हेल्पलाइन (1933) व्यक्तियों को अपनी पहचान गोपनीय रखते हुए महत्वपूर्ण मुद्दों को संबोधित करने के लिए एक सुरक्षित और गोपनीय मंच प्रदान करती है। मानस हेल्पलाइन उन लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण संसाधन के रूप में भी काम करती है जो नशा मुक्ति और पुनर्वास सेवाओं के लिए मार्गदर्शन और सहायता चाहते हैं। यह एक सार्वजनिक सूचना संसाधन के रूप में भी काम करती है, जो पोस्टर, वीडियो और ब्रोशर जैसी शैक्षिक सामग्री प्रदान करता है जिसे आधिकारिक वेबसाइट https://www.ncbmanas.gov.in/awareness से स्वतंत्र रूप से एक्सेस, डाउनलोड और साझा किया जा सकता है।
डॉ. मिश्रा ने इस बात पर जोर दिया कि समाज के पूर्ण सहयोग के बिना नशे के खिलाफ लड़ाई सफल नहीं हो सकती। हालांकि एनसीबी जैसी सरकारी संस्थाएं महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं, लेकिन अकेले उनके प्रयास पर्याप्त नहीं हैं।
डॉ. मिश्रा ने बताया कि सरकार ने एन्फोर्समेंट फ्रंट पर कड़ी कार्रवाई की है। हरियाणा राज्य नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एचएसएनसीबी) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 2025 के पहले चार महीनों में, 22.40 किलोग्राम हेरोइन, 57.78 किलोग्राम चरस, 1,520.71 किलोग्राम गांजा, 87.09 किलोग्राम अफीम और 6,766.33 किलोग्राम पोस्त जब्त किया। प्राधिकारियों ने 1,609 बोतलें, 48,982 कैप्सूल, 3,152 इंजेक्शन वाले नशीले पदार्थ, 95,000 से अधिक गोलियां और 128.35 किलोग्राम अफीम पोस्त भी जब्त की। इसी अवधि के दौरान, एनडीपीएस अधिनियम के तहत 1,130 मामले दर्ज किए गए, जिनमें से 143 व्यावसायिक मात्रा से संबंधित थे। कुल 1,801 अपराधियों को गिरफ्तार किया गया, जिनमें 332 व्यावसायिक (कमर्शियल ) रूप से ड्रग्स रखने या तस्करी करने के आरोप में हिरासत में लिया गया। इसके अतिरिक्त, पीआईटीएनडीपीएस अधिनियम, 1988 की निवारक धाराओं के तहत 34 अपराधियों को हिरासत में लिया गया।