रोहतक। रोहतक नगर निगम सदन की कई माह से टलती आ रही बैठक हो ही गई । निगम के नए आयुक्त जितेंद्र कुमार ने बैठक में शिरकत की। इसके साथ ही पार्षदों ने भी आमजन से जुड़े मुद्दों को बैठक में जोर शोर से उठाया। एलिवेटेड रेलवे ट्रैक, शहर में जलभराव, निगम में कर्मचारियों की नियुक्ति, सेक्टर – 18, 18ए व सेक्टर – 21 में प्लाट आवंटन मुद्दे शामिल रहे। वहीँ निगमायुक्त जितेंद्र सिंह ने कहा कि अधूरे विकास कार्यों को पूरा कराना चुनौती से कम नहीं है, लेकिन वे इसे जल्द से जल्द पूरा करवाने का प्रयत्न करेंगे।
गुरुवार को रोहतक नगर निगम की आम बैठक में भ्रष्टाचार और विकास के कार्यों को लेकर पार्षदों ने नगर निगम के अधिकारियों पर जमकर आरोप लगाए। रोहतक नगर निगम के मेयर मनमोहन गोयल ने भी मान लिया कि साढे चार साल में वह इतना विकास नहीं कर पाए जितना होना चाहिए था। यही नहीं उन्होंने तो खुद ही माना की रोहतक नगर निगम में भ्रष्टाचार भी व्याप्त है। लेकिन उसको खत्म करने के प्रयास चल रहे हैं। रोहतक नगर निगम के नवनियुक्त कमिश्नर जितेंद्र कुमार ने भी पार्षदों को आश्वासन दिया है कि जहां भी कमियां रही हैं उनको दुरुस्त किया जाएगा और जो भी इन कमियों के लिए दोषी होगा उनके खिलाफ कार्रवाई भी होगी।
ज्ञात हो पिछले कई महीनो से रोहतक नगर निगम की आम बैठक नहीं हुई थी। इसी वजह से सभी वार्डों की समस्याओं से जूझ रहे पार्षद इंतजार कर रहे थे कि कब यह बैठक हो और वह अपने दिल की भड़ास निकाले। आखिर आज नवनियुक्त कमिश्नर और रोहतक के मेयर मनमोहन गोयल की अध्यक्षता में नगर निगम की आम बैठक हुई। बैठक शुरू होते ही पार्षदों के आरोप प्रत्यारोप शुरू हो गए।
पार्षदों का कहना है कि जो विकास के काम होने चाहिए थे वह किसी वार्ड में पूरे नहीं हुए हैं और बहुत से काम तो भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गए हैं। अमृत योजना में सबसे ज्यादा घपलेबाजी हुई है। वे अधिकारियों के पास कोई भी कम लेकर जाते हैं तो कोई स्पष्ट जवाब नहीं मिलता। प्रॉपर्टी आईडी में तो बिना पैसे लिए काम ही नहीं हो रहे। हर बार हवाला दिया जाता है कि विकास कार्यों के लिए बजट नहीं है। ऐसे में वह जनता को क्या जवाब दें।
रोहतक नगर निगम के मेयर मनमोहन गोयल ने भी माना कि साढे चार साल में रोहतक शहर में उतने विकास के काम नगर निगम नहीं करवा पाया जो होने चाहिए थे और वह भी क्या करें जब नगर निगम के पास विकास कार्यों के लिए बजट ही ना हो, तो विकास कार्य कहां से होंगे। साथ ही उन्होंने कहा कि अधिकारी भी अपनी मनमानी करते रहते हैं। लेकिन उनके पास कोई पावर नहीं है और वह सरकार को गैर जिम्मेदाराना व्यवहार करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए लिखते रहते हैं। साथ ही उन्होंने माना कि नगर निगम में भ्रष्टाचार जरूर है, लेकिन उसे खत्म करने के लिए प्रयास चल रहे हैं।
नवनियुक्त नगर निगम कमिश्नर जितेंद्र कुमार ने कहा कि पार्षदों की बहुत सी समस्याएं सामने आई हैं। उसे लेकर के वह अधिकारियों से बात करेंगे और विकास कार्यों में जो अनियमितताएं हुई है उसकी जांच कराई जाएगी और जो भी दोषी मिला उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
गौरतलब है कि सदन की विकास कार्यों को लेकर आखिरी बैठक 18 फरवरी को हुई थी, जिसमें विकास कार्य न होने से नाराज होकर पार्षद सुनील कुमार उर्फ सोनू बैठक छोड़कर चले गए थे। इसके बाद 23 अप्रैल को बजट पास करने के लिए बैठक हुई, जिसके एजेंडे में विकास कार्यों को शामिल नहीं किया गया। फिर जून,जुलाई व अगस्त में बैठक तय हुई, लेकिन हर बार किसी न किसी वजह से टाल दिया गया। पिछली तारीख 18 अगस्त तय हुई थी, लेकिन आयुक्त प्रशांत पंवार का तबादला हो गया। अब उनकी जगह फरीदाबाद निगम के आयुक्त जितेंद्र सिंह रोहतक आयुक्त बने हैं।