नई दिल्ली। चोर पंचक: हिंदू धर्म में किसी भी शुभ या मांगलिक काम को करने से पहले मुहूर्त का जरूर ध्यान रखा जाता है। मान्यता है कि शुभ समय पर काम करने से अपार सफलता के साथ सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। ऐसे ही हर माह पांच दिन ऐसे होते हैं जिसमें किसी भी तरह के शुभ और मांगलिक कामों को करने की मनाही होती है। इन 5 दिनों को पंचक कहा जाता है। यह पंचक अशुभ नक्षत्रों के कारण बनता है।
ज्योतिष शास्त्र में पंचक के कुल 5 नाम बताए गए हैं। इसके अनुसार, रविवार से शुरू होने वाले पंचक को रोग पंचक कहा जाता है। सोमवार से शुरू होने वाले पचंक को राज पंचक कहते हैं। इसी तरह मंगलवार से शुरु होने वाले पंचक को अग्नि और शुक्रवार से शुरू होने वाले पंचक को चोर पंचक कहा जाता है। वहीं शनिवार से शुरू होने वाले पंचक को मृत्यु पंचक कहते हैं। बता दें कि आज से पंचक आरंभ हो चुके हैं। शुक्रवार के दिन शुरू होने के कारण इसे चोर पंचक कहा जाएगा। ऐसे में इन पंचकों के दौरान व्यापार या फिर पैसों का लेनदेन करने से बचना चाहिए। इससे धन हानि का सामना करना पड़ता है। आइए जानते हैं पंचक के दौरान क्या करें और क्या नहीं…
शुरू हो चुके हैं चोर पंचक?
पंचांग के अनुसार, चोर पंचक 5 अप्रैल 2024 को सुबह 07 बजकर 12 मिनट से शुरू हो चुके हैं, जो 9 अप्रैल 2024 को सुबह 07 बजकर 32 मिनट पर समाप्त होंगे।बता दें कि पंचक नक्षत्रों और चंद्रमा के कारण लगता है। जब चंद्रमा धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वा भाद्रपद, उत्तरा भाद्रपद और रेवती नक्षत्र से होकर गुजरता है, तो पंचक लगते हैं। बता दें कि हर पंचक करीब 27 दिन बाद आते हैं।
चोर पंचक के दौरान न करें ये काम
- शास्त्रों के अनुसार, चोर पंचक के दौरान कुछ कामों को करने की मनाही होती है। इस दौरान व्यापार और पैसों के लेनदेन को लेकर थोड़ा सतर्क रहना चाहिए, वरना धन हानि का सामना करना पड़ सकता है।
- पंचक के दौरान धन हानि के साथ चोरी होने की संभावना काफी बढ़ जाती है। इसलिए थोड़ा संभलकर रहें। वहीँ इस दौरान किसी भी प्रकार का बिजनेस शुरू करने से बचना चाहिए। मान्यता है कि इस दौरान बिजनेस शुरू करने से असफलता का सामना करना पड़ सकता है।
- जिस समय पंचक लगता है, उस समय चारपाई बनवाने से परहेज़ करना चाहिए क्योंकि यह अशुभ माना जाता है। मान्यताओं के अनुसार, अगर आप ऐसा करते हैं, तो आप पर कोई विपत्ति या संकट आ सकता है।
- पंचक काल के दौरान जलने वाली वस्तुएं जैसे कि घास, लकड़ी, आदि को एकत्रित करने से बचना चाहिए, वरना आग लगने का खतरा बना रहता है।
- पंचकों के समय दक्षिण दिशा में यात्रा करना हानि का कारण बन सकता है क्योंकि इस दिशा को यम और पितरों की दिशा माना गया है इसलिए इन पांच नक्षत्रों के दौरान दक्षिण दिशा की यात्रा करने से बचना चाहिए।
- पांच नक्षत्रों से बनने वाले पंचक के समय में घर की छत नहीं बनवानी चाहिए क्योंकि इससे घर-परिवार में क्लेश बढ़ सकता है और धन हानि की आशंका रहती है।
- पंचक के दौरान शैया का निर्माण करने से बचें।
डिसक्लेमर- इस लेख में दी गई किसी भी जानकारी की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों जैसे ज्योतिषियों, पंचांग, मान्यताओं या फिर धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है। इसके सही और सिद्ध होने की प्रामाणिकता नहीं दे सकते हैं। इसके किसी भी तरह के उपयोग करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।