मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद ने प्रशासनिक सचिवों, सभी जिलों के उपायुक्तों तथा रबी-फसल की खरीद से संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए। उन्होंने कहा किसान की फ़सल का जे-फॉर्म कटने के 72 घंटे के अंदर-अंदर फसल का भुगतान सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने अनाज मंडियों से फसलों का समय पर उठान करने और किसानों की हर सुविधा का पूरा ख्याल रखने के भी निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने आगे कहा कि इस बार प्रदेश में गेहूं की बम्पर फसल हुई है इसलिए मंडियों में बिक्री के लिए अधिक फसल आने की उम्मीद है, ऐसे में अधिकारियों को अपनी पूरी तैयारी रखनी चाहिए ताकि किसानों को किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े। उन्होंने उपायुक्तों से अपने-अपने जिला में मंडियों की व्यवस्थाओं का फीडबैक लेते हुए कहा कि जहां पर भी कोई समस्या आती है तो अपने मंडलायुक्तों तथा स्पेशल नियुक्त किये गए प्रशासनिक सचिवों से मार्गदर्शन लेकर जल्द से जल्द समाधान का प्रयास करें। उन्होंने प्रशासनिक सचिवों को भी समय -समय पर अपने अधीन मंडियों की विजिट करने के भी निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि “मेरी फसल मेरा ब्यौरा” पोर्टल पर किसानों द्वारा रजिस्टर की गई फसल का 15 अप्रैल शाम तक वेरिफिकेशन कर लें। उन्होंने कहा कि किसानों की संतुष्टि हमारी प्राथमिकता है। उन्होंने यह भी कहा कि उनके लिए मंडी में सस्ती दरों पर चाय -खाना उपलब्ध करवाने के लिए अटल कैंटीन शुरू करने और पेयजल की व्यवस्था की जाए। उन्होंने उपायुक्तों से बारदाना समेत अन्य आवश्यक चीजों के बारे में पूछताछ की और जहां थोड़ी-बहुत कमी पाई गई वहां पर जल्द से जल्द उसको पूरा करने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद ने फसल खरीद से संबंधित अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि किसानों को अपनी फ़सल की बिक्री करने में किसी प्रकार की दिक्कत का सामना न करना पड़े, साथ ही फसलों का भुगतान निर्धारित अवधि में हर हाल में सुनिश्चित किया जाए।
उन्होंने खरीदी गई फसल का समय पर उठान करने के निर्देश देते हुए कहा कि जे-फॉर्म कटने के 72 घंटे के अंदर-अंदर फसल के मालिक के बैंक खाते में भुगतान हो जाना चाहिए।
मुख्य सचिव ने कहा कि किसानों की सुविधा के लिए सायलो को भी खरीद केंद्र बनाया गया है जहाँ पर किसान सीधा अपनी फसल बेचने के लिए ले जा सकता है। उन्होंने आगे यह भी जानकारी दी कि प्रदेश में गेहूं की खरीद के लिए 417 मंडी अथवा खरीद केंद्र , सरसों के लिए 107 , चना के लिए 11 तथा जौ के लिए 25 मंडियां खोल दी गई हैं।