चंडीगढ़। हरियाणा के मुख्य सचिव को हाईकोर्ट के आदेशों की अनदेखी करना भारी पड़ गया। पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने अंतरराष्ट्रीय सर्कल कबड्डी खिलाड़ियों को आदेश के बावजूद नौकरी न देने पर कड़ी फटकार लगाई है। हाईकोर्ट ने आदेश दिया था कि यदि आदेश का पालन नहीं हुआ तो मुख्य सचिव को खुद पेश होना होगा। सुनवाई के दौरान बताया गया कि आदेश का पालन नहीं हुआ है और कोर्ट ने पाया कि मुख्य सचिव भी मौजूद नहीं हैं। ऐसे में मुख्य सचिव पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाते हुए हाईकोर्ट ने सरकार को आदेश का पालन करने का अंतिम मौका दिया है।
सोनिया व अन्य ने मांगी थी नौकरी
याचिका दाखिल करते हुए सोनिया व अन्य ने एडवोकेट जसबीर मोर के माध्यम से हाईकोर्ट को बताया कि वे सर्कल कबड्डी की खिलाड़ी हैं। हरियाणा सरकार की 2013 की नीति के तहत उन्होंने सरकारी नौकरी के लिए आवेदन किया था लेकिन आवेदन स्वीकार नहीं हुआ। इसके बाद उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। हाईकोर्ट ने सरकार को इनके निवेदन पर निर्णय लेने का आदेश दिया था। इसके बाद सरकार ने इस आदेश के खिलाफ अपील दाखिल कर दी।
दाखिल की अवमानना याचिका
इसी बीच आदेश का पालन न होने के चलते अवमानना याचिका दाखिल की गई है। अवमानना याचिका सुनने वाली बेंच को बताया गया कि खंडपीठ ने सिंगल बेंच के फैसले पर रोक नहीं लगाई है। इस जानकारी पर अवमानना बेंच ने सरकार को आदेश का पालन करने का फिर मुख्य सचिव को खुद हाजिर रहने का आदेश दिया था। मामला दोबारा सुनवाई के लिए पहुंचा तो न तो आदेश का पालन हुआ और न ही मुख्य सचिव मौजूद थे। ऐसे में हाईकोर्ट ने अब मुख्य सचिव पर 50 हजार रुपये जुर्माना लगाते हुए अगली सुनवाई पर आदेश का पालन कर रिपोर्ट सौंपने या खुद हाजिर होने का आखिरी मौका दिया है।