लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बरेली की घटना पर कहा- “बरेली में एक मौलाना भूल गया था कि शासन किसका है। वह धमकी देकर जाम लगाने की बात करता था, लेकिन हमने कहा कि न जाम होगा, न कर्फ्यू लगेगा। हम ऐसा सबक सिखाएंगे कि तुम्हारी आने वाली पीढ़ियां भी दंगा करना भूल जाएंगी।” योगी आदित्यनाथ ने जोर देकर कहा कि 2017 के बाद उनकी सरकार ने दंगाइयों को चुन-चुनकर सजा दी और ऐसी भाषा में जवाब दिया, जो वे समझते थे। इस सख्ती ने उत्तर प्रदेश में शांति और सुरक्षा का नया युग स्थापित किया, जिससे यूपी की ग्रोथ स्टोरी की शुरुआत हुई।
योगी ने पूर्ववर्ती सरकारों पर परिवारवाद और भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कहा कि ‘चाचा-भतीजा’ वसूली के धंधे में लिप्त थे और हर जिले में एक माफिया को समानांतर सत्ता चलाने की छूट दी गई थी। उन्होंने कटाक्ष किया कि सत्ता के शीर्ष पर बैठे लोग माफियाओं के सामने नतमस्तक थे। सत्ता के मुखिया माफिया के कुत्ते से हाथ मिलाकर गौरवान्वित महसूस करते थे। योगी ने कहा कि ऐसी भ्रष्ट व्यवस्था में न बेटियां सुरक्षित थीं, न व्यापारी, और न ही किसान। उन्होंने जोर देकर कहा कि जब सत्ता बेइमान और भ्रष्ट लोगों के हाथ में आती है, तो वह समाज को जाति और परिवार के नाम पर गुमराह करती है। ऐसे लोगों के लिए हमने बुलडोजर बनाया है।” उनकी सरकार ने माफिया राज को जड़ से उखाड़कर प्रदेश को विकास की राह पर ला खड़ा किया।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश बीमारू था नहीं, इसे परिवारवाद, जातिवाद और बीमारू मानसिकता वालों ने बीमारू बना दिया गया था। परिणाम क्या था, दंगे होते थे, दंगाइयों को मुख्यमंत्री आवास में बुलाकर सम्मानित किया जाता था। दंगाइयों की आवभगत होती थी और पेशेवर अपराधी और माफियाओं के सामने सत्ता सैल्यूट करती थी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शनिवार को राजधानी में एक प्रतिष्ठित मीडिया समूह द्वारा आयोजित ‘विकसित उत्तर प्रदेश विजन @ 2047’ कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस अवसर पर उन्होंने नवरात्रि की शुभकामनाएं देते हुए ‘8 ईयर्स ऑफ यूपी गवर्नमेंट’ पुस्तक का विमोचन किया और प्रदेश की प्रगति की कहानी को दमदारी से प्रस्तुत किया। उन्होंने पिछले साढ़े आठ वर्षों में उत्तर प्रदेश की विकास यात्रा की चर्चा करते हुए परिवारवाद, जातिवाद और भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति को उजागर किया।