पंजाब की मिट्टी में आस्था और त्याग का गहरा रंग है। यहाँ के लोगों ने गुरुओं की शिक्षाओं को अपने जीवन का आधार बनाया है। लेकिन कई बार, जीवन की जिम्मेदारियों और आर्थिक परेशानियों के कारण, बुजुर्गों के मन में दबी हुई एक ख्वाहिश अधूरी रह जाती थी—अपने जीवन के अंतिम पड़ाव पर पवित्र तीर्थस्थलों की यात्रा करना।
मान सरकार ने मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना की शुरुआत करके उनकी इस अधूरी ख्वाहिश को एक गर्व और सम्मान की यात्रा में बदल दिया है। यह योजना सिर्फ एक सरकारी पहल नहीं, बल्कि एक भावनात्मक सेतु है जो सरकार और आम जनता के बीच बनाया गया है। यह उन बुजुर्गों के लिए एक तोहफा है, जिन्होंने अपना पूरा जीवन अपने परिवार और समाज की सेवा में समर्पित कर दिया। यह एक ऐसा प्रयास है जो लोगों के दिलों को छू रहा है। यह योजना उन लोगों के लिए एक वरदान साबित हो रही है, जो आर्थिक तंगी के कारण अपनी धार्मिक आस्थाओं को पूरा नहीं कर पाते। इस योजना के पीछे सिर्फ सुविधा देना नहीं, बल्कि लोगों की भावनाओं का सम्मान करना भी है और उन लोगों को निःशुल्क और सुविधाजनक यात्रा का अनुभव देना है जो आर्थिक कारणों से तीर्थ यात्रा नहीं कर पाते।
मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना’ की शुरुआत पंजाब की मान सरकार ने 6 नवंबर 2023 को की थी। पंजाब कैबिनेट ने 27 नवंबर से 29 फरवरी 2024 तक के लिए इस योजना को मंजूरी दी थी। इसके लिए 40 करोड़ रुपये का बजट आवंटन किया गया था इसके तहत, 27 दिसंबर 2023 को गुरु पर्व के अवसर पर पहला जत्था रवाना किया गया था। पहले चरण में लगभग 33,893 से अधिक श्रद्धालुओं को विभिन्न तीर्थ स्थलों की यात्रा करवाई गई । अमृतसर रेलवे स्टेशन से मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा स्कीम के तहत श्री नांदेड़ साहिब के लिए पहली ट्रेन रवाना हुई थी । मुख्यमंत्री निःशुल्क तीर्थ यात्रा योजना का पहला चरण 27 नवंबर 2023 से शुरू होकर 29 फरवरी 2024 को समाप्त हुआ था। अप्रैल 2025 में, पंजाब सरकार ने योजना में बदलाव करते हुए लाभ के लिए पात्रता की उम्र 60 से घटाकर 50 साल कर दी है। इसके लिए 100 करोड़ रुपये का बजट आवंटन किया गया है। पंजाब सरकार का उद्देश्य इस योजना के जरिए 50,000 लोगों को धार्मिक स्थलों के दर्शन करवाना है।
इस योजना के तहत, अलग-अलग धर्मों के लोगों को इन स्थानों की यात्रा कराई जाती है:
हिंदू तीर्थस्थल: माता चिंतपूर्णी, माता वैष्णो देवी, माता ज्वाला जी, खाटू श्याम, सालासर धाम, मथुरा, वाराणसी, वृंदावन । सिख तीर्थस्थल: श्री पटना साहिब, श्री आनंदपुर साहिब, श्री हजूर साहिब, श्री दमदमा साहिब। मुस्लिम तीर्थस्थल: जामा मस्जिद, अजमेर शरीफ। मुख्यमंत्री तीर्थ योजना के तहत श्री हजूर साहिब, श्री पटना साहिब, वाराणसी, मथुरा, वृंदावन और अजमेर शरीफ की रेलगाड़ी के माध्यम से यात्रा करवाई जाएगी। इसी तरह अमृतसर साहिब, तलवंडी साबो, श्री आनंदपुर साहिब, माता चिंतपूर्णी, माता ज्वाला देवी, नैना देवी, माता वैष्णो देवी, सालासर बालाजी धाम और खाटू श्याम धाम की यात्रा एसी बसों के माध्यम से करवाई जाएगी। किसी इमरजेंसी से निपटने के लिए इन यात्रियों के साथ डॉक्टरों, वॉलंटियरों और अधिकारियों की एक टीम भी सफर करती है। यात्रियों के पहुंचने से पहले सभी प्रबंधों के लिए अधिकारियों की एक टीम पहले भेजी जाती है। 75 साल से अधिक उम्र वालों को अपने साथ एक नौजवान को देखभाल के लिए लेकर जाने की इजाजत होती है। श्रद्धालुओं की यात्रा के लिए उनको एसी कमरे और खाने-पीने की वस्तुएं भी मुहैया करवाई जाती है।
मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना केवल मुफ्त सफर की योजना नहीं, बल्कि यह पंजाब की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और मान सरकार की दूरदर्शिता का प्रमाण है। यह योजना गुरु नानक देव जी की शिक्षाओं और फलसफे के मुताबिक है। जो लोगों में आपसी-भाईचारे और अमन का संदेश देता हैं। पंजाब मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना समाज के कमजोर वर्गों और वृद्ध लोगों के लिए एक वरदान है। यह उन्हें आध्यात्मिक शांति और धार्मिक संतुष्टि का अनुभव करने का मौका देती है, जबकि उन्हें किसी भी आर्थिक बोझ की चिंता नहीं करनी पड़ती। यह योजना पंजाब सरकार की जनता के प्रति समर्पण और उनकी धार्मिक आस्थाओं का सम्मान करने का एक अच्छा उदाहरण है। संगरूर जिले के एक गाँव की निवासी जसवीर कौर ने मुख्यमंत्री तीर्थ योजना का लाभ उठाया है। वे पहली बार श्री हजूर साहिब के दर्शन करके खुद को भाग्यवान मान रही है। अहम बात यह है कि सफर के दौरान यात्रियों की सुविधा के लिए भोजन, स्थानीय यात्रा, स्वागत किट और रहन-सहन की सुविधा बिल्कुल मुफ्त होती है और प्रत्येक श्रद्धालु को एक तीर्थ यात्रा किट मिलती है,जिसमें चादर, कंबल, तौलिया, तेल और कंघी शामिल होती है । यह एक ऐसा मंच है जो समाज के सभी वर्गों को एक साथ लाता है, जहां अमीर-गरीब, युवा-बुजुर्ग, सब एक ही आस्था की डोर से बंधे होते हैं।
मान सरकार का यह कदम सराहनीय है, क्योंकि उन्होंने लोगों की उन भावनाओं को छुआ है जो अक्सर अनदेखी रह जाती हैं। इस यात्रा के बाद जब बुजुर्ग अपने घर लौटते हैं, तो वे केवल तीर्थ यात्रा करके नहीं आते, बल्कि अपने साथ एक नया जीवन, एक नई ऊर्जा और सरकार के प्रति एक गहरा विश्वास लेकर आते हैं। उनकी यात्रा की कहानियाँ उनके परिवारों और पड़ोसियों के लिए प्रेरणा बन जाती हैं। इस योजना के माध्यम से, मान सरकार ने साबित कर दिया है कि एक कल्याणकारी राज्य वही है जो अपने लोगों की भौतिक ज़रूरतों के साथ-साथ उनकी आध्यात्मिक और भावनात्मक ज़रूरतों का भी ख्याल रखता है। यह एक ऐसी पहल है जो पंजाब के दिलों को जोड़ रही है और एक मजबूत, संवेदनशील समाज का निर्माण कर रही है। यह योजना न केवल लोगों को पवित्र स्थलों तक पहुंचाती है, बल्कि उन्हें एक-दूसरे से जुड़ने, अनुभव साझा करने और नई यादें बनाने का मौका भी देती है। यह एक ऐसी यात्रा है जो दिल से शुरू होती है और आत्मा में शांति लाती है। यह पंजाब सरकार की तरफ से एक ऐसा प्रयास है, जो लोगों के जीवन में सिर्फ़ सुविधा नहीं, बल्कि सुकून और संतोष भी लाता है।