मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने शनिवार को भरतपुर के नदबई में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम में राज्य के लगभग 72 लाख किसानों को मुख्यमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की चौथी किस्त के रूप में लगभग 718 करोड़ रुपये की राशि का हस्तान्तरण किया। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में विभिन्न जिलों से वीसी के माध्यम से जुड़े लाभार्थी किसानों के साथ संवाद भी किया।
उन्होंने उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किसानों को सर्वोपरि मानते हुए उनके कल्याण के लिए किसान सम्मान निधि योजना प्रारम्भ की। राजस्थान में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत पौने दो साल में किसानों को 7 हजार 31 करोड़ रुपये से अधिक दिए जा चुके हैं। श्री शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार मुख्यमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत 6 हजार के अतिरिक्त 3 हजार की राशि अलग से प्रदेश के किसानों को देती है। इसके तहत अब तक 70 लाख से अधिक किसानों को 1 हजार 355 करोड़ रुपये की धनराशि हस्तांतरित की गई है। इस प्रकार केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा किसान सम्मान निधि के तहत किसानों को कुल 8,386 करोड़ रुपये से अधिक की राशि दी जा चुकी है जो एक रिकॉर्ड है। इसी क्रम में चौथी किस्त के रूप में लगभग 718 करोड़ रुपये किसानों को और दिए गए हैं।
पीएम धन-धान्य कृषि योजना में राज्य के 8 जिले शामिल
मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा शुरू की गई पीएम धन धान्य कृषि योजना प्रधानमंत्री की दूरदर्शी सोच की परिचायक है। देशभर से चयनित 100 जिलों में राज्य के आठ जिलों बाड़मेर, जैसलमेर, नागौर, जोधपुर, बीकानेर, पाली, जालोर और चूरू को भी इस योजना में शामिल किया गया है। इस योजना का उद्देश्य केवल उत्पादकता बढ़ाना ही नहीं, बल्कि फसल विविधीकरण, सिंचाई सुविधाओं में सुधार, भंडारण क्षमता में वृद्धि और किसानों को आसान ऋण उपलब्ध कराना भी है।
दो वर्ष में जारी की गई 7.50 करोड़ से अधिक फसल बीमा पॉलिसी
सीएम ने किसानों को परम्परागत खेती के साथ ही, आधुनिक खेती भी अपनाने का आह्वान करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत बीते दो वर्षों के दौरान राज्य में साढ़े सात करोड़ से अधिक फसल बीमा पॉलिसी जारी की गई है। उन्होंने कहा कि 3 हजार 452 करोड़ रुपये का राज्यांश प्रीमियम जमा कराया गया तथा 5 हजार 965 करोड़ रुपये के बीमा क्लेम वितरित किए गए। पारदर्शिता के लिए इस योजना को पूरी तरह डिजिटल बनाया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार का लक्ष्य है कि कोई भी किसान इस सुविधा से वंचित न रहे। इसके लिए लगभग 78 लाख किसानों की भूमि का सत्यापन किया जा चुका है और लगभग 75 लाख किसानों की आधार सीडिंग तथा 71 लाख किसानों का ई-केवाईसी कार्य पूरा हो चुका है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने 77 लाख से अधिक हजार किसानों को 43 हजार करोड़ रुपये से अधिक राशि के अल्पकालीन ब्याज मुक्त ऋण दिए हैं। साथ ही, गोपाल क्रेडिट कार्ड योजना में करीब 71 हजार पशुपालकों को 515 करोड़ रुपये का ऋण तथा चालू वित्त वर्ष में 2 हजार 855 सदस्यों को दीर्घकालीन सहकारी कृषि और नॉन-फार्मिंग सेक्टर्स पर 5 प्रतिशत ब्याज अनुदान के साथ 103 करोड़ रुपये का ऋण दिया गया है।
वहीं मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार वर्ष 2027 तक प्रदेश के किसानों को दिन में बिजली उपलब्ध करवाने के लक्ष्य के साथ कार्य कर रही है। वर्तमान में 22 जिलों के किसानों को दिन में बिजली उपलब्ध करवाई जा रही है।

