चंडीगढ़ : हरियाणा के मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी ने सभी उपायुक्तों को प्रदेश-भर में नशा मुक्ति केंद्रों का गहन निरीक्षण करने और आगामी 22 अप्रैल तक विस्तृत अनुपालन रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही, उन्होंने खाद्य एवं औषधि प्रशासन को प्रदेश में दवा की दुकानों के लिए सख्त नियम लागू करने के भी निर्देश देते हुए कि कहा कि संचालन निगरानी के लिए सभी कैमिस्ट शॉप में सीसीटीवी कैमरे लगाना अनिवार्य होगा। इसके अलावा, दवा विक्रेताओं को एक ऐसी जगह पर अपने लाइसेंस को प्रमुखता से प्रदर्शित करना होगा, जहां उपभोक्ता इसे आसानी से देख सकें।
मुख्य सचिव ने ये निदेश आज राज्य स्तरीय नार्को समन्वय केंद्र (एनसीओआरडी) की 10वीं कमेटी बैठक की अध्यक्षता करते हुए दिए। बैठक में नशीली दवाओं से जुड़े अपराधों से निपटने के लिए किए जा रहे राज्य सरकार के प्रयासों के मूल्यांकन के साथ-साथ नशा विरोधी पहलों को मजबूत करने के लिए भी ठोस रणनीति तैयार करने पर विचार-विमर्श किया गया। इस दौरान प्रदेश में नशीली दवाओं के दुरुपयोग और तस्करी से निपटने के लिए एक व्यापक दृष्टिकोण की आवश्यकता पर भी बल दिया गया।
मुख्य सचिव रस्तोगी ने विभाग को निर्देश देते हुए कहा कि दवा विनियमों का उल्लंघन करने के कानूनी परिणामों, जिसमें गैर-अनुपालन के लिए दंड भी शामिल है, के बारे में दवा विक्रेताओं को जागरूक करने के लिए जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएं। इन उपायों का उद्देश्य पारदर्शिता बढ़ाना, नियंत्रित पदार्थों की अवैध बिक्री पर अंकुश लगाना और उपभोक्ता सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
रस्तोगी ने प्रहरी क्लबों को बढ़ाने का भी प्रस्ताव रखा। उल्लेखनीय है कि ये क्लब नशीली दवाओं के दुरुपयोग के बारे में छात्रों में जागरूकता पैदा करने के लिए डिजाइन किए गए हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि इन क्लबों में अब शिक्षकों के साथ-साथ नशे की लत वाले युवाओं के माता-पिता को भी शामिल किया जाना चाहिए, ताकि परामर्श के लिए अधिक सकारात्मक वातावरण स्थापित किया जा सके।
गृह विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुमिता मिश्रा ने निर्देश दिए कि नशा मुक्ति केंद्रों के निरीक्षण के दौरान न केवल कमियों की पहचान की जानी चाहिए, बल्कि सुधारों को भी स्वीकार किया जाना चाहिए। साथ ही, केंद्रों द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाओं की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए कार्रवाई योग्य सिफारिशें भी दी जानी चाहिए।
डॉ. सुमिता मिश्रा ने इस बात पर बल दिया कि युवाओं और भावी पीढ़ियों को नशे की लत के खतरों से बचाना हरियाणा की प्रगति के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने ‘संकल्प’ (सब्सटेंस एब्यूज एंड नारकोटिक्स नॉलेज अवेयरनेस एंड लिब्रेशन प्रोग्राम अथॉरिटी) नामक एक नया प्राधिकरण शुरू किया है। यह पहल व्यापक जागरूकता अभियान, निवारक शिक्षा और पुनर्वास सहायता के माध्यम से युवाओं को मादक द्रव्यों के सेवन के खतरों से बचाने के लिए तैयार की गई है, ताकि प्रदेश के लिए उज्जवल और नशा मुक्त भविष्य सुनिश्चित हो सके।
सेवा विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव जी. अनुपमा ने कहा कि विभाग द्वारा लाइसेंसशुदा केंद्रों में शुरू से अंत तक नशा मुक्ति सेवाओं को सक्षम बनाने के लिए हरियाणा नशा दुरुपयोग निगरानी प्रणाली के रूप में एक डिजिटल प्लेटफॉर्म विकसित किया गया है। इस पोर्टल को सरकारी और निजी हितधारकों के साथ विस्तृत परामर्श के बाद विकसित किया गया है। अंबाला और पंचकूला में एक पायलट प्रोजेक्ट का सफलतापूर्वक परीक्षण भी किया जा चुका है। अब इसे पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा। इसके अलावा, रोगियों के लिए गुणवत्तापूर्ण उपचार सुनिश्चित करने के उद्देश्य से राज्य में नशा मुक्ति केंद्रों के लिए एक स्टार-रेटिंग प्रणाली भी शुरू की गई है।
हरियाणा राज्य नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एचएसएनसीबी) के महानिदेशक ओ.पी. सिंह ने बताया कि जनवरी से मार्च 2025 तक एनडीपीएस अधिनियम के तहत कुल 834 एफआईआर दर्ज की गईं, जिसके परिणामस्वरूप 1,319 व्यक्तियों की गिरफ्तारी हुई। इनमें से 119 मामले नशीले पदार्थों की व्यावसायिक मात्रा से संबंधित जबकि 578 मामले मध्यम (इंटरमीडिएट) मात्रा से संबंधित थे। उन्होंने बताया कि एचएसएनसीबी द्वारा 103 जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिनमें 18,500 से अधिक प्रतिभागी शामिल हुए। इसके अलावा, ‘युवाओं के लिए खेल’ पहल के तहत 2,515 गांवों को कवर किया गया, जिसका उद्देश्य युवाओं को नशीली दवाओं के दुरुपयोग के खिलाफ लड़ाई में शामिल करना और शिक्षित करना है।
बैठक में पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर और विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे। उपायुक्तों और पुलिस अधीक्षकों ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक में भाग लिया।