रोहतक : पहले के समय में भी पढ़ाई ऐसी ही थी और बच्चे इतनी ही मेहनत करते थे, पहले और अब में जो बढ़ा है वो है सिर्फ चिंता और तनाव। आजकल प्रथम वर्ष में आने वाले बच्चे से भी पूछा जाता है तो वह खुद को तनाव में बताता है जोकि उनके भविष्य और सेहत के लिए काफी घातक है।
यह कहना है पंडित भगवत दयाल शर्मा स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति डाॅ.एच.के. अग्रवाल का। वें शुक्रवार को लैक्चर पांच में आयोजित अध्यात्म का विज्ञान विषय पर आयोजित मेडिटेशन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर उपस्थित हुए थे।
इस अवसर पर उपस्थित विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कुलपति डाॅ.एच.के. अग्रवाल ने कहा कि यदि आप खुद को व्यस्त रखेंगे और अपने काम में लगे रहेंगे तो तनाव आपसे दूर रहेगा। उन्होंने सभी से आग्रह करते हुए कहा कि हमें खुद को सोशल मीडिया और मोबाइल की कठपुतली नहीं बनने देना चाहिए। जितनी जरूरत हो सिर्फ उतना ही फोन प्रयोग करें। हमें अपने फोन वाला समय अपने रिश्तेदारों और दोस्तों के साथ व्यतीत करना चाहिए ताकि हमें खुशी मिल सके और चिंता व तनाव हमारे पास भी ना भटके। डाॅ. अग्रवाल ने बताया कि मेडिटेशन के लिए हमें समय निकालना चाहिए ताकि हमारा दिमाग शांति से आत्ममंथन के लिए भी समय निकाल सके।
डीन एकेडमिक अफेयर्स डाॅ. एम.जी. वशिष्ठ ने बताया कि आज व्याख्यान देने के लिए सीमा चावला को बुलाया गया था। उन्होंने बताया कि एक रिसर्च में सामने आया है कि मेडिटेशन से शरीर और दिमाग में सकारात्मक परिणाम आते हैं। उन्होंने बताया कि तनाव शरीर में बीमारियों को निमंत्रण देता है।
डाॅ. एम.जी. वशिष्ठ ने बताया कि आज लोगों को बताया गया कि हमें भूत और भविष्य की चिंता में वर्तमान के सुख को खो रहे हैं जोकि बहुत गलत है।
मंच का संचालन जनसंपर्क विभाग के इंचार्ज डाॅ. वरूण अरोड़ा ने करते हुए बताया कि यह कार्यक्रम सेवा पखवाड़े के अंतर्गत कृपाल आश्रृम के सहयोग से करवाया गया है।
प्राचार्य डाॅ. संजय तिवारी ने वक्ता को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर प्राचार्य डाॅ. संजय तिवारी, नर्सिंग सुपरीडेंट सुदेश, सुमन रांगी सहित सैकड़ों स्टाफ सदस्य और विद्यार्थिगण उपस्थित रहे।