भारत सरकार आगामी 2025 के केंद्रीय बजट में मेट्रो रेल परियोजनाओं के लिए एक विशेष पांच साल की योजना की घोषणा कर सकती है। इसका उद्देश्य देशभर में मेट्रो नेटवर्क और इंटरसिटी रैपिड रेल कनेक्टिविटी को मिशन मोड में बढ़ावा देना है, ताकि बढ़ती शहरी आबादी और ट्रैफिक समस्याओं को हल किया जा सके।
सरकारी सूत्रों के मुताबिक, इस योजना का मुख्य लक्ष्य शहरी कनेक्टिविटी को मजबूत करना और शहरों में यातायात की भीड़ को कम करना है। आगामी बजट में मेट्रो और मास रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (MRTS) परियोजनाओं के लिए आवंटित राशि को और बढ़ाया जा सकता है, जैसा कि 2024-25 के बजट में 24,785.94 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे।
भारत में वर्तमान में 11 राज्यों और 23 शहरों में करीब 1,000 किलोमीटर लंबा मेट्रो नेटवर्क काम कर रहा है, और 985 किलोमीटर की और परियोजनाएं निर्माणाधीन हैं। भारत ने 2022 में मेट्रो नेटवर्क की लंबाई में जापान को पीछे छोड़ते हुए तीसरे स्थान पर जगह बनाई और अब यह दूसरे स्थान की ओर अग्रसर है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 5 जनवरी को दिल्ली में मेट्रो नेटवर्क को और बेहतर बनाने के लिए 12,200 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं की नींव रखी। इनमें दिल्ली-गाज़ियाबाद-मेरठ नमो भारत कॉरिडोर का 13 किमी का हिस्सा और दिल्ली मेट्रो के फेज-IV का हिस्सा शामिल है।