अन्नु हुड्डा
रोहतक। रोहतक में RTA ऑफिस में शाम के समय हड़कंप मच गया जब सीएम फ़्लाइंग और सीआईडी की संयुक्त टीम ने अचानक छापामारी कर दी। दोनों टीमों ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए RTA ऑफिस के अतिरिक्त सचिव जगबीर सिंह को लाखों की रिश्वत समेत रंगेहाथ दबोच लिया। आरोपी अतिरिक्त सचिव रिश्वत से सप्ताहभर में वसूले 2 लाख 89 हजार 500 रुपये बरामद किए हैं। जिन्हे वह गाडी में लेकर अपने घर पंचकूला जा रहा था। इसी दौरान टीम ने छापा मारा और गाड़ी से रिश्वत के रुपए भी बरामद किए। आरोप है कि यह राशि दलालों के माध्यम से गाड़ी पासिंग के नाम पर एकत्रित की गई एक सप्ताह की रिश्वत की राशि है।
सप्ताह भर की इकट्ठा रिश्वत बांटकर ले जाते थे कर्मचारी
आरोप है कि गाड़ी पास करने के नाम पर रिश्वत ली जा रही थी, शाम को पैसा एकत्रित करके घर ले जाते थे। इसकी CM फ्लाइंग व CID की टीम को गुप्त सूचना मिली थी। बताया गया था कि रोहतक के आरटीए कार्यालय में असिस्टेंट सेक्रेटरी जगबीर सिंह व एमवीआई अशोक कुमार मिलकर गाड़ियों को पास करवाने के लिए प्राइवेट व्यक्तियों के माध्यम से रोजाना रिश्वत लेकर पासिंग करते हैं। शुक्रवार शाम के समय पूरे सप्ताह के अवैध वसूली से इकट्ठे किए रिश्वत के पैसों को आपस में बांटकर घर ले जाते थे। आरोप है कि खुद रिश्वत की राशि न लेकर बाहर दलाल सक्रिय रहते थे। छापामारी के दौरान नायब तहसीलदार बंसीलाल ड्यूटी मजिस्ट्रेट रहे, शिवाजी कॉलोनी थाना पुलिस आगे की कार्रवाई कर रही है।
गुप्त सूचना के आधार पर हुई कार्रवाई
सूचना थी कि इनकी गाड़ियां ऑफिस के पीछे पार्किंग शेड में खड़ी होती हैं। अगर शाम को दफ्तर से निकलते समय रेड करके तलाशी ली जाए तो अवैध वसूली के पैसों सहित काबू कर सकते हैं। सूचना पर CM फ्लाइंग के उप पुलिस अधीक्षक संदीप सिंह के नेतृत्व में मुख्यमंत्री उड़नदस्ता व गुप्तचर विभाग रोहतक की संयुक्त टीम तैयार की गई। डीसी के माध्यम से नायब तहसीलदार बंसीलाल को ड्यूटी मजिस्ट्रेट नियुक्त करके टीम में शामिल किया। संयुक्त टीम आरटीए कार्यालय रोहतक पहुंची, जहां एक व्यक्ति ऑफिस के पीछे पार्किंग में खड़ी गाड़ी की ड्राइवर सीट पर बैठा मिला। जिससे नाम पता पूछा तो उसने अपना नाम जगबीर सिंह असिस्टेंट सेक्रेटरी आरटीए कार्यालय बताया।
प्राइवेट व्यक्तियों के माध्यम से लेते हैं रिश्वत
ड्यूटी मजिस्ट्रेट की हाजिरी में गाड़ी की तलाशी लेने पर अगली दोनों सीटों के बीच में बने बॉक्स में एक सफेद पॉलिथीन मिला। जिसे चेक करने पर कैश मिला। 2 बंडल में कुल 2 लाख 89 हजार रुपए थे। असिस्टेंट सेक्रेटरी जगबीर से इस पैसों के बारे में पूछा तो उसने बताया कि वह एमवीआई अशोक कुमार के साथ मिलकर गाड़ियों की पासिंग के लिए प्राइवेट व्यक्तियों के माध्यम से रिश्वत के तौर पर पैसे लेते हैं। अवैध वसूली से इकट्ठे किए रुपयों को आपस में बांटकर जगबीर अपने हिस्से के 2 लाख 89 हजार 500 रुपये लेकर अपने घर पंचकूला जाने के लिए गाड़ी में बैठा था। एमवीआई अशोक कुमार अपना हिस्सा लेकर ऑफिस से पहले ही निकल गया था। टीम ने आरोपी को स्थानीय पुलिस के हवाले कर दिया है।
फाइलों में ऑब्जेक्शन लगाकर दौड़ाते हैं कर्मचारी
सूत्रों की मानें तो आरटीए में बिना पैसे के कोई काम नहीं होता। वह गाड़ी ट्रांसफर कराने का मामला हो, या फिर ड्राइविंग लाइसेंस बनाना अथवा कोई अन्य कार्य। आप बिना एजेंट के संपर्क में आए कोई कार्य नहीं करा सकते। बिना एजेंट के कार्य कराने के लिए आपको विभाग के चक्कर काटने होंगे। विभाग के चक्कर लगाने से बचने के लिए वाहन स्वामी मजबूरी में एजेंट से संपर्क करने के साथ ही सुविधा शुल्क देकर अपना कार्य कराने के लिए विवश होता है। सहायक सचिव ने सीएम फ्लाइंग की टीम को बताया ऐसी फाइलों को भी किया जाता था । जिनके कागज पूरे नहीं होते थे। उनके रेट अलग से चार्ज किए जाते थे। इधर सहायक सचिव की गिरफ्तारी के बाद विभाग में हलचल है।
किस फाइल के लिए कितना रेट तय
आरटीए कार्यालय कर्मचारियों ने अलग अलग फाइलों के रेट तय किये हुए हैं। विभाग में कर्मचारी ड्राइविंग लाइसेंस टेस्ट पास कराना हो तो 1,000 रुपए, ड्राइविंग लाइंसेस बनवाने का रेट 2,000 रुपए, गाड़ी की फिटनेस पास कराने के 2 से 10,000 तक, गाड़ी ट्रांसफर कराने का रेट 3 से 5,000 तक, गाड़ी का रजिस्ट्रेशन 5 से 7,000 रुपए तथा दूसरी आरसी जारी करने के लिए 1000 रुपए तय रेट वसूलते है।