शांति प्रकाश जैन. रोहतक : हरियाणा स्थानीय निकाय के 2025 के चुनाव में कांग्रेस के निराशाजनक प्रदर्शन से जहां कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व सख्ते में है वहीं मतदाता भी कांग्रेस के प्रदर्शन से आश्चर्यचकित है। हरियाणा में 10 नगर निगम 5 नगर परिषद 23 नगर पालिका के चुनावों में कांग्रेस किसी भी निकाय संस्थान में कब्जा करने में पूरी तरह असफल रही। कांग्रेस का ना तो कोई मेयर ना ही नगर परिषद का चेयरपर्सन और नगरपालिका का प्रधान का पद भी हासिल नहीं कर सके।
नगर निगम रोहतक का प्रश्न है यहां भी कांग्रेस का प्रदर्शन काफी फीका रहा। 22 पार्षदों में से केवल 20 प्रतिशत ही पार्षद निर्वाचित हो सके। हालांकि कांग्रेस ने 20 प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतारे थे। कांग्रेस से बेहतर प्रदर्शन तो निर्दलियों का रहा जिन्होंने लगभग 27 प्रतिशत सीटें प्राप्त करके निगम सदन में 6 स्थान प्राप्त किए।
निगम रोहतक के चुनाव से यह भी स्पष्ट हो गया है कि इस बार सदन में महिलाओं का बोलबाला रहेगा। निगम 2025 के चुनाव में रोहतक से 13 महिलाएं विजयी होने से उन्हीं का सदन कार्रवाई में वर्चस्व रहेगा। भाजपा की महिलाओें में आशा लता, नीरा भटनागर, रिकूं देवी, कंचन खुराना, अनीता मिगलानी, मुक्ता नागपाल, डिंपल जैन, बेबी रानी जबकि पुरूषों में अक्षय कुमार, सुरेश किराड़, कपिल नागपाल, प्रवीण कौशिक, बिजेंद्र सिंह विजयी रहे। निर्दलीय प्रत्याशियों में वार्ड न. 3 से ज्योति, वार्ड न. 9 से बिजेंद्र, वार्ड न. 13 से कृष्णा, वार्ड 8 से अंजू सैनी, वार्ड 10 से मनीषा, वार्ड 22 से सुमन विजयी रहे। पिछले निगम चुनाव में महिलाएं केवल 9 पार्षद बनी थी जबकि 2025 के चुनाव में 13 महिला पार्षद बनी।
वरिष्ठ उपमहापौर और उपमहापौर महिला पार्षद बन सकती
राजनीतिक लोग तो यह भी मानते है कि अबकी बार रोहतक का वरिष्ठ उपमहापौर और उपमहापौर महिला पार्षद बन सकती है। यही नहीं निगम के चुनाव में भाजपा की अनिता मिगलानी ने 6601 वोट प्राप्त करके कांग्रेस के संजय कुमार को सर्वाधिन 4592 वोट से पराजित किया। दूसरे नंबर पर भाजपा की ही मुक्ता नागपाल 3327 से अधिक वोटों से विजयी रही थी। भाजपा ने वार्ड न. 1, 2, 4, 5, 6, 7, 12, 14, 15, 16, 17, 18, 20, 21 से विजय प्राप्त की। वार्ड न. 11 व 19 से कांग्रेस के प्रत्याशी विजयी रहे। निर्दलीय प्रत्याशियों ने वार्ड न. 3, 8, 9, 10, 13, 22 विजयी रहे। वार्ड न. 21 से भाजपा के बिजेंद्र सिंह केवल 59 वोटों से विजयी रहे। साथ ही वार्ड न. 3 से निर्दलीय प्रत्याशी ज्योति केवल 108 मतों से विजयी हुई।
जीत के बाद आमजन को विश्वास है कि निगम प्रदेश और केंद्र की भाजपा सरकार ने चुनाव के दौरान जो वादे किए है उन्हें पूरे करेगी ताकि जनता का विश्वास उनमें बना रहे।
आमजन की भाजपा की जीत के लिए पूरी पार्टी में संगठित होकर चुनाव लड़ा और प्रदेश और केंद्र सरकार की जनकल्याणकारी नीतियों को जनता के समक्ष बखूबी रखा। इधर कांग्रेस की हार का सबसे बड़ा कारण पार्टी का लंबे समय से संगठन ना होना, नेता और कार्यकर्ता अपनी जिम्मेदारी से बचते रहे और गंभीरता से प्रत्याशी को नहीे लिया केवल औपचारिकता पूरी की।