Tuesday, July 8, 2025
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पुलिस को बड़ी सफलता: करोड़ों रुपए की ठगी करने वाले 4 आरोपी गिरफ्तार, 168 एटीएम कार्ड और 68 सिम कार्ड बरामद

साइबर थाना फतेहाबाद पुलिस ने ऑनलाइन ट्रेडिंग के नाम पर देशभर में करोड़ों रुपये की ठगी करने वाले एक संगठित गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने इस गिरोह से जुड़े चार आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से बड़ी मात्रा में आपत्तिजनक सामग्री बरामद की है, जिसका उपयोग विभिन्न साइबर ठगी गतिविधियों में किया जा रहा था।

गिरफ्तार किए गए आरोपी की पहचान साहिल पुत्र हरीश कुमार, निवासी विशाल एन्क्लेव, टिगौर गार्डन, नई दिल्ली, मानव पुत्र हरीश, निवासी विशाल एन्क्लेव, टिगौर गार्डन व बालकिशन पुत्र तोता राम, निवासी चाणक्य प्लेस, जनकपुरी, नई दिल्ली,  यश कुमार पुत्र श्रीराम, निवासी जे.जे. कॉलोनी, अशोक मार्केट, उत्तम नगर, नई दिल्ली के स्प में हुई है।

पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से 168 एटीएम कार्ड, 68 सिम कार्ड, 50 चेकबुक, 46 पासबुक, 15 मोबाइल फोन, 1 लैपटॉप, 13 मोहरे और 2 बिल बुक बरामद की हैं। ये सभी सामग्री फर्जी खातों और लेन-देन के संचालन के लिए प्रयोग की जा रही थी।

प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि यह गिरोह हरियाणा, गुजरात, कर्नाटक, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ सहित देश के कई राज्यों में अब तक सैकडों लोगों से करोड़ों रुपए की ठगी कर चुके है।

विशेष रूप से आरोपी बालकिशन के बैंक खाते की जांच में यह तथ्य सामने आया है कि सिर्फ तीन दिन में उसके खाते में 40 लाख रुपये की राशि ट्रांसफर हुई है। यह रकम ठगी की ही प्रतीत हो रही है, जिसकी गहन जांच की जा रही है। अन्य आरोपियों के खातों की भी विस्तृत जांच जारी है ताकि इनके नेटवर्क में शामिल अन्य लोगों की पहचान की जा सके।

यह कार्रवाई पुलिस अधीक्षक सिद्धांत जैन, आईपीएस के दिशा-निर्देश में साइबर थाना प्रभारी निरीक्षक राहुल कुमार एवं उनकी टीम द्वारा की गई। यह गिरफ्तारी राजीव कुमार पुत्र तारा चंद, निवासी सुभाष नगर, खेमाखाती रोड, फतेहाबाद से हुई ₹10,000 की ऑनलाइन ठगी की जांच के दौरान हुई।

शिकायतकर्ता एक अध्यापक हैं, जिन्हें व्हाट्सएप कॉल के माध्यम से संपर्क कर एक फर्जी ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म में निवेश कर अधिक लाभ कमाने का लालच दिया गया। झांसे में आकर उन्होंने पेटीएम के माध्यम से दो किस्तों में राशि ट्रांसफर की, लेकिन उन्हें न तो कोई लाभ मिला और न ही उनकी राशि वापस की गई।

तकनीकी साक्ष्यों, बैंक लेन-देन विवरण और मोबाइल लोकेशन के आधार पर आरोपियों की पहचान की गई और उन्हें दिल्ली से गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में खुलासा हुआ है कि ये आरोपी सोशल मीडिया, मोबाइल ऐप्स और वेबसाइट्स के जरिए आमजन को फंसाकर ठगी करते थे।

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