चंडीगढ़। हरियाणा में अस्थाई निजी स्कूलों की मनमानी के चलते शिक्षा निदेशालय ने बड़ा फैसला लिया है। दरअसल शिक्षा निदेशालय ने जिन अस्थाई मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों ने बांड राशि नहीं भरी थी उन स्कूलों के बच्चों का भविष्य खराब न होने को लेकर नए आदेश जारी किये हैं। शिक्षा निदेशालय के अनुसार अब जिद्द पर अड़े निजी स्कूलों के बच्चों को सरकारी स्कूलों से 10वीं और 12वीं की परीक्षा दिलाई जाएगी।
सरकार द्वारा मौजूदा शिक्षा सत्र के लिए राहत देने के बावजूद अधिकतर अस्थायी मान्यता प्राप्त स्कूल संचालक हठधर्मिता नहीं छोड़ रहे। अस्थायी मान्यता के आधार पर चल रहे 363 निजी स्कूलों में से अभी तक सिर्फ 41 ने ही आश्वासन शुल्क जमा कराया है।अब शिक्षा निदेशालय ने हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड को पोर्टल खोलने के निर्देश दिए हैं ताकि संबंधित स्कूल आश्वासन राशि भरते हुए लेट फीस के साथ संबद्धता शुल्क जमा करा सकें। जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिया है कि आश्वासन राशि नहीं दे रहे निजी स्कूलों के बच्चों को सरकारी स्कूलों से दसवीं और बारहवीं की परीक्षा दिलाना सुनिश्चित करें।
अस्थायी रूप से मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों के सामने थी ये शर्त
ताकि किसी छात्र का साल खराब न हो। शिक्षा विभाग ने 30 अप्रैल 2003 से पहले अस्थायी रूप से मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों को इस शर्त के साथ संबद्धता शुल्क जमा करने की अनुमति दी थी कि वह अगले साल स्थाई मान्यता लेने के बाद ही बच्चों को दाखिला देंगे।