पूर्व मुख्यमंत्री व नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा का कहना है कि झूठ और बहकावे के अलावा बीजेपी के पास हरियाणा में अब कुछ भी नहीं बचा है। इसीलिए सत्ताधारी पार्टी कौशल निगम और भर्तियों के बारे में फर्जी वीडियो वायरल करके जनता को बरगला रही है। हुड्डा ने कहा कि कांग्रेस ने हर मंच पर कौशल निगम के तहत हो रहे युवाओं के शोषण का मुद्दा उठाया है। क्योंकि कौशल निगम में युवाओं के लिए ना कोई जॉब सिक्योरिटी है, ना उन्हें उचित वेतन दिया जाता, ना कोई पद और पदोन्नति मिलती, ना कोई पेपर या मेरिट बनाई जाती और ना ही आरक्षण लागू किया जाता। हमेशा युवा के सिर पर काम से निकाले जाने की तलवार लटकती रहती है।
कांग्रेस ने ऐलान किया है कि कौशल निगम के तहत लगे कर्मियों को बाकायदा नीति बनाकर जॉब सिक्योरिटी दी जाएगी और उनके लिए बेहतर वेतन की व्यवस्था की जाएगी। मौजूदा कौशल कर्मियों को एडजस्ट करने के बाद भविष्य में ठेकेदारी वाली कच्ची भर्तियों की प्रथा को बंद किया जाएगा और खाली पड़े 2 लाख पदों पर पक्की भर्तियां होंगी। मौजूदा सरकार की लटकी पड़ी भर्तियों को भी कांग्रेस आते ही पूरा करेगी और चयनित युवाओं को बिना देरी के ज्वाइनिंग दी जाएगी। इसके साथ ही कांग्रेस सरकार तुरंत 1 लाख नई भर्तियों की प्रक्रिया शुरू करेगी। इसलिए युवा अभी से पेपर की तैयारी जारी रखें, क्योंकि एक साल के भीतर 1 लाख भर्तियां हो जाएंगी। भर्तियां पूरी तरह पेपर और योग्यता के आधार पर होंगी। पेपर लीक और भर्ती माफिया का जड़ से खात्मा किया जाएगा। ये तमाम कार्य बाकायदा पार्टी के घोषणापत्र में भी शामिल किए जाएंगे।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि बीजेपी की विदाई होते ही कांग्रेस सरकार की प्राथमिकता युवाओं को ज्यादा से ज्यादा रोजगार देने की होगी। क्योंकि बीजेपी ने सरकारी और निजी दोनों क्षेत्रों में रोजगार को खत्म कर दिया है। आज हरियाणा में बेरोजगारी का आलम यह है कि सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MOSPI) के पीरियोडिक लेबर फोर्स सर्वे के अनुसार पिछली तिमाही (जनवरी से मार्च) के मुकाबले इस बार अप्रैल से जून में हरियाणा के शहरों में बेरोजगारी दर बढ़कर 11.2 प्रतिशत हो गई, जबकि पिछली तिमाही में यह 9.5 प्रतिशत थी। यह सर्वे 15-29 आयु वर्ग के युवाओं में किया गया था। लड़कियों में बेरोजगारी ज्यादा बढ़ी है। पिछली तिमाही में जहां 13.9 प्रतिशत युवतियां बेरोजगार थीं, वहीं इस बार यह आंकड़ा बढ़कर 17.2 प्रतिशत हो गया है।
अगर निजी क्षेत्र की बात की जाए तो वर्ष 2023-24 में निजी क्षेत्र में भी 1.11 लाख नौकरियां घट गईं। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) का ताजा पे-रोल डेटा बताता है कि प्रदेश में निजी क्षेत्र में 9.47 % प्रतिशत नौकरियां कम हुई हैं। उत्तर भारत में हरियाणा से सबसे ज्यादा नौकरियां घटी हैं। हरियाणा के निजी क्षेत्र में 2022-23 में 11.72 लाख नौकरियां थी, जो 2023-24 में घटकर 10.61 लाख रह गई।
हुड्डा ने कहा कि खुद सरकारी रिपोर्ट और आंकड़े बता रहे हैं कि बीजेपी ने हरियाणा के युवाओं को बेरोजगारी की दलदल में धकेल दिया है। इसलिए अपने 10 साल की नाकामियों के लिए युवाओं से माफी मांगने की बजाए, बीजेपी फर्जी वीडियो और फेक न्यूज के जरिए लोगों को भ्रमित करने में लगी है। लेकिन प्रदेश का युवा इस सरकार की सच्चाई को बखूबी समझ चुका है और इस बार चुनाव में बीजेपी को सबक सिखाने के लिए तैयार बैठा है।