Apple ने अपनी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) तकनीक को और अधिक सशक्त बनाने के लिए Amazon Web Services (AWS) के कस्टम चिप्स का इस्तेमाल करने का फैसला किया है। यह जानकारी Apple ने लास वेगास में आयोजित AWS रिइन्वेंट कॉन्फ्रेंस में दी। Apple के इस कदम से AI मॉडल ट्रेनिंग में सुधार की उम्मीद जताई जा रही है।
सिर्फ मॉडल ट्रेनिंग के लिए होगा इस्तेमाल
Apple के सीनियर डायरेक्टर बेनोइट डुपिन ने बताया कि कंपनी एक दशक से अधिक समय से AWS के साथ काम कर रही है। AWS के इन्फेरेंशिया और ग्रेविटन चिप्स ने पहले ही Apple की सर्च सर्विस की कार्यक्षमता में 40% सुधार किया है। अब, Apple ट्रैइनियम2 चिप का उपयोग करने पर विचार कर रहा है, जिससे AI मॉडल की ट्रेनिंग में 50% तक की एफिशियंसी में सुधार हो सकता है।
Apple का खुद संपर्क करना अहम
यह एक अहम निर्णय है क्योंकि Apple आमतौर पर अपने कार्यों को खुद ही करता है। इस बार, कंपनी ने खुद Amazon से संपर्क किया और अपनी जेनेरेटिव AI क्षमताओं को सशक्त बनाने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर सपोर्ट की मांग की। AWS के सीईओ मैट गार्मन ने इस साझेदारी को लेकर जानकारी दी।
प्राइवेसी की चिंताएं
इस साझेदारी के बावजूद, कुछ उपयोगकर्ताओं को प्राइवेसी को लेकर चिंताएं हो सकती हैं। हालांकि, Apple ने स्पष्ट किया है कि Amazon के चिप्स का इस्तेमाल केवल मॉडल ट्रेनिंग के लिए होगा, जो एक बैकएंड प्रक्रिया है और इसका उपयोगकर्ता डेटा की प्राइवेसी पर कोई असर नहीं पड़ेगा। Apple अपने AI फीचर्स को प्रोसेस करने के लिए अपने निजी क्लाउड कंप्यूट इंफ्रास्ट्रक्चर का इस्तेमाल करेगा, जो कि Apple सिलिकॉन पर आधारित है।
Apple और Amazon की इस साझेदारी से कंपनी के आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मॉडल को ट्रेन करने की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण सुधार हो सकता है, जिससे भविष्य में बेहतर AI सेवाओं का लाभ मिल सकता है।