भारत और दुनिया भर के हिंदू श्रद्धालु 13 जनवरी, 2025 से शुरू होने वाले महाकुंभ के लिए तैयार हैं, जो 12 साल में एक बार आयोजित होता है। इस बार महाकुंभ में 40 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के शामिल होने की उम्मीद है। उत्तर प्रदेश सरकार महाकुंभ 2025 को भव्य, सुरक्षित और आध्यात्मिक रूप से समृद्ध बनाने के लिए व्यापक तैयारियां कर रही है।
महाकुंभ के आयोजन के कारण स्थानीय व्यापार को भी बढ़ावा मिल रहा है। महाकुंभ-थीम वाले उत्पादों, जैसे डायरी, कैलेंडर, जूट बैग और स्टेशनरी की मांग में 25 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है। संस्कृति मंत्रालय के अनुसार, यह ब्रांडिंग की सावधानीपूर्वक रणनीति का परिणाम है।
13 जनवरी से 26 फरवरी तक चलने वाले इस 45 दिवसीय आयोजन में भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और आध्यात्मिक परंपराओं को प्रदर्शित किया जाएगा। महाकुंभ नगर में अस्थायी शहर के रूप में कई बदलाव किए गए हैं, जिसमें IRCTC द्वारा स्थापित लक्जरी टेंट सिटी जैसी सुविधाएं शामिल हैं। इसके अलावा, 92 सड़कों के नवीनीकरण और 17 प्रमुख सड़कों के सौंदर्यीकरण का काम लगभग पूरा हो चुका है, और 30 पोंटून पुलों का निर्माण चल रहा है।
महाकुंभ में तकनीकी सहायता भी प्रदान की जाएगी, जैसे बहुभाषी साइनेज और AI-संचालित चैटबॉट, जो श्रद्धालुओं की सहायता के लिए विभिन्न भाषाओं में जानकारी देगा। इस तकनीकी पहल के माध्यम से महाकुंभ 2025 को एक वैश्विक उत्सव बनाने का लक्ष्य रखा गया है, जो न केवल धार्मिक, बल्कि सांस्कृतिक, सुरक्षा, स्थिरता और आधुनिकता का संगम होगा।