Ankita Bhandari case: उत्तराखंड का बहुचर्चित केस अंकिता भंडारी मर्डर केस में कोटद्वार स्थित अपर जिला एवं सत्र न्यायालय (एडीजे कोर्ट) ने आज फैसला सुना दिया है. इस केस में कोर्ट ने तीनों आरोपी पुलकित आर्य, उसके कर्मचारी सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को हत्या के मामले में दोषी करार दिया है. आरोपियों के खिलाफ 302, 201, 354, धाराओं में दोष सिद्ध हुआ है. तीनों आरोपियों के खिलाफ के उम्रकैद की सजा सुनाई है. तीनों आरोपियों को उम्रकैद के साथ-साथ 50-50 हजार रुपये का अर्थ दंड और अंकिता के परिजनों को चार लाख रुपये देने का भी आदेश सुनाया है.
Ankita Bhandari case: 18 सितंबर 2022 को अंकिता भंडारी की हुई थी हत्या
18 सितंबर साल 2022 को वनंत्रा रिजॉर्ट में कार्यरत रिसेप्शनिस्ट अंकिता भंडारी की हत्या कर दी गई थी. हत्या के बाद उसका शव चीला शक्ति नहर में फेंक दिया गया था. घटना के एक सप्ताह बाद, 24 सितंबर को अंकिता का शव नहर से बरामद हुआ था. इस जघन्य हत्याकांड के पूरा उत्तराखंड आक्रोशित हो उठा था. इस हत्याकांड के खिलाफ प्रदेश जगह-जगह महीनों धरना-प्रदर्शन हुए तो देश-दुनिया में भी इस कांड की चर्चा होने लगी थी.
500 पन्नों का आरोपपत्र दाखिल
कोटद्वार स्थित एडीजे कोर्ट में 30 जनवरी, 2023 को मामले की पहली सुनवाई शुरू हुई थी. एसआईटी जांच के बाद अभियोजन पक्ष की ओर से अदालत में 500 पेज का आरोपपत्र दाखिल किया गया. अभियोजन पक्ष की गवाही 28 मार्च 2023 से शुरू हुई. इस दौरान कुल 47 गवाहों को अदालत में पेश कराया गया. एसआईटी ने इस मामले में 97 गवाह बनाए थे.
2 साल 8 महीने तक चली केस की सुनवाई
अंकिता भंडारी मर्डर केस की सुनवाई कोर्ट में दो साल आठ महीने चली. सुनवाई के बाद आज 30 मई 2025 को न्याय की घड़ी अब आ चुकी है. तीनों हत्या आरोपी दोषी पाए गए हैं. अंकिता भंडारी के परिजन और आम जनमानस लंबे वक्त से इस फैसले का इंतजार कर रहे थे. अंकिता भंडारी के पिता गुरुवार को कह चुके हैं कि वो अपने जीते जी अंकिता भंडारी की हत्या के आरोपियों को फांसी पर लटकते देखना चाहते हैं. आज अंकिता की मां ने कहा कि था कि अपराधियों को फांसी होनी चाहिए. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने भी हत्याकांड के दोषियों को कड़ी सजा देने की मांग की थी.