रोहतक। महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय (Maharshi Dayanand University Rohtak) के रक्षा एवं सामरिक अध्ययन विभाग में तनाव से मुक्त रहने के बारे में विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम के प्रारंभ में विभाग अध्यक्ष प्रो. सेवा सिंह दहिया ने मुख्य वक्ताओं का स्वागत किया और तनाव से मुक्त रहने के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने बताया कि हम आज के समय में तनाव को सहन नहीं कर पा रहे हैं आज के समय में 5 साल से 70 साल तक के सभी लोग तनाव का सामना कर रहे हैं।
आज के समय में लोग हंसना भूल गए हैं लोग मानसिक रूप से इस तनाव नामक बीमारी से परेशान हैं। उन्होंने बताया कि हमें हर काम बिना किसी तनाव के करना चाहिए जब हम खाली रहते हैं तो हमें संगीत सुनना चाहिए ताकी इस तनाव रूपी बीमारी से ग्रस्त ना हो ।
मुख्य वक्ता कुसुम बहन ने अपने ओजस्वी संबोधन में बताया कि आजकल के समय में युवा अवस्था में तनाव लगातार बढ़ता जा रहा हैं हमें इसे कम करना चाहिए। हमें अपना ध्यान सकारात्मक सोच की तरफ लगाना चाहिए। जिससे हमारे मन में तनाव की भावना पैदा ना हो सके। उन्होने कहां की हमें अपनी जिंदगी में एक गोल निर्धारित करना चाहिए और उस पर कार्य करना चाहिए। उन्होंने बताया कि जो हम प्रकृति को देते हैं, प्रकृति वही वापस लौटाती हैं। इसलिए मन की स्थिरता जरूरी है। हमारे मन को सदा शांति पूर्वक तरीके से रखना चाहिए जिससे हमारे अंदर तनाव की भावना पैदा ना हो सके
मुख्य वक्ता मोनिका ने बताया कि आजकल के बच्चे अपने माता पिता के पास कम बैठते हैं। और एक मोबाइल रूपी दुनिया में रहते हैं जिनके अंदर तनाव की भावना पैदा होती हैं। आज के समय में आदमी अबोध सा हो गया है, हमें अपने जीवन को बदलना पड़ेगा। उन्होंने कहा की हमें सदा खुश रहना चाहिए और अच्छा भोजन खाना चाहिए क्योंकि हम जैसा भोजन खाएंगे हमारा मन में वैसा हो जाएगा।
इस मौके पर विभाग के प्राध्यापक प्रो. एस.पी. वत्स, डॉ. प्रताप सिंह, डॉ. प्रोमिला, आईजी केडी श्योराण, शोधार्थी एवं विद्यार्थी मौजुद रहे ।