गुस्ताखी माफ हरियाणा- पवन कुमार बंसल l ग्राउंड रिपोर्टिंग lसिकंदरपुर येलो लाइन मेट्रो से अपने फ्लैट ५६ सेक्टर गुरुग्राम में आने के लिए रैपिड मेट्रो में चड़ा तो उक्त विज्ञापनों से पूरी ट्रेन भरी थी l जाहिर है इसपर काफी खर्च भी आया होगा l योग्यता के आधार पर बिन पर्ची- बिन खर्ची के दावे में कितनी सच्चाई है यह में अपने जागरूक पाठको पर छोड़ता हूं l याद दिला दूं की हरियाणा पब्लिक सर्विस कमीशन के दफ्तर में नागर साहिब नोटों से भरे सूटकेस के साथ विजिलेंस ने पकड़े थे और उनके कब्जे से काफी अपतिजनक डॉक्यूमेंट मिले थे l उनके मोबाइल में उनकी महत्वपूर्ण व्यक्तियों से नौकरी बारे आप्तिजनक जानकारी थी जो अगर सार्वजनिक होती ती न जाने कितनो की पोल खुलती l लेकिन उस दबा दिया गया l बाकोल शायर”मेरे कलाम से बढ़कर है मेरी खामोशी- न जाने कितने सवालों की आबरू रख ली l किसी ने (विजिलेंस) ने अपना सफ़ीना डुबो के हजारों डूबने वालो की आबरू रख ली