चंडीगढ़ : हरियाणा की वित्तायुक्त ( राजस्व) डॉ. सुमिता मिश्रा ने मंगलवार को विभागीय अधिकारियों के साथ हुई महत्वपूर्ण बैठक की अध्यक्षता करते हुए राज्य सरकार की एग्रीस्टैक पहल के व्यापक क्रियान्वयन की योजना साझा की। इस योजना के अंतर्गत एग्रीस्टैक सेल का गठन किया जाएगा, जो इस पहल की निगरानी और समन्वय का कार्य करेगा।
डॉ. मिश्रा ने कहा कि राज्य सरकार कृषि डेटा प्रबंधन को आधुनिक बनाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि आगामी तीन माह में डिजिटल फसल सर्वे का कार्य पूरा किया जाएगा। इसके साथ ही किसान रजिस्ट्री तैयार की जाएगी, जिससे राज्य के सभी किसानों का सटीक डेटाबेस उपलब्ध होगा। एग्रीस्टैक पहल के सफल क्रियान्वयन हेतु प्रत्येक जिले में मास्टर ट्रेनर तैयार किए जाएंगे।
बैठक में भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के मुख्य ज्ञान अधिकारी एवं सलाहकार, राजीव चावला ने एग्रीस्टैक को भारतीय कृषि में परिवर्तन लाने वाला राष्ट्रीय कार्यक्रम बताया। उन्होंने बताया कि यह तीन प्रमुख डिजिटल घटकों किसान रजिस्ट्री, भूमि खंडों का जियो-रेफरेंसिंग, डिजिटल फसल सर्वे (DCS) पर आधारित है।
उन्होंने कहा कि भारत सरकार की वित्तीय सहायता से हरियाणा को किसानों के पूर्ण पंजीकरण पर अधिकतम 216 करोड़ रुपये और 80 प्रतिशत से अधिक गांवों में डिजिटल फसल सर्वे पूरा करने पर 50 करोड़ रुपये तक प्रोत्साहन राशि मिलेगी। यह राशि राज्य में कृषि के डिजिटल रूपांतरण को तेज़ी से आगे बढ़ाएगी।
डॉ. मिश्रा ने बताया कि एग्रीस्टैक पहल से किसानों को प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा। पीएम-किसान योजना की किस्त प्राप्त करने के लिए जल्द ही किसान आईडी अनिवार्य होगी। डिजिटल फसल सर्वे के आंकड़े फसल बीमा दावों के निपटारे, प्राइस सपोर्ट स्कीम (PSS) के लाभ, न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) सुरक्षा, उर्वरक वितरण और आपदा राहत कार्यों में अहम भूमिका निभाएंगे।