चंडीगढ़ : हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्याम सिंह राणा ने कहा कि बाजरा जैसे मोटे अनाज की खेती को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार “श्री अन्न” श्रेणी के तहत इनकी ब्रांडिंग और प्रचार को प्राथमिकता दे रही है। इससे किसानों को बाजरा की खेती को प्रोत्साहित करने वाली सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने, बेहतर आय और बाजार तक पहुंच सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी।
कृषि मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में राज्य सरकार किसानों के कल्याण के प्रयासरत है और कृषि आय में वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए निर्णायक कदम उठा रही है।
कृषि मंत्री ने किसानों के कल्याण को सरकार का मुख्य उद्देश्य बताते हुए कहा कि हरियाणा भारत का एकमात्र ऐसा राज्य है जो सभी 24 फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) प्रदान करता है।
उन्होंने पानी के संरक्षण को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि राज्य सरकार उन किसानों को 7,000 रुपये प्रति एकड़ की प्रोत्साहन राशि देती है जो पानी की अधिक खपत करने वाली धान की खेती छोड़ते हैं। उन्होंने टिकाऊ खेती प्रथाओं को बढ़ावा देने के लिए इस वित्तीय प्रोत्साहन को और बढ़ाने के संकेत दिए।
उन्होंने आगे बताया कि केंद्र सरकार के साथ मिलकर प्रदेश सरकार जलवायु-प्रतिरोधी और उच्च उत्पादकता वाली फसल किस्मों के सब्सिडी वाले बीज किसानों को उपलब्ध करा रही है। इसके साथ ही, कपास की फसलों में कीट संक्रमण को नियंत्रित करने और कीटनाशकों व रसायनों के दुरुपयोग पर नियंत्रण के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने नकली बीज, कीटनाशकों और उर्वरकों के उत्पादन और बिक्री पर सख्त कार्रवाई करने का आश्वासन दिया ताकि किसानों को आर्थिक नुकसान से बचाया जा सके।
श्याम सिंह राणा ने कहा कि हरियाणा सरकार पराली जलाने की समस्या का समाधान करने के लिए किसानों को साथ लेकर कई कदम उठा रही है। उन्होंने बताया कि फसल अवशेष प्रबंधन के लिए सब्सिडी वाले कृषि उपकरण प्रदान करने के अलावा, हरियाणा एकमात्र राज्य है जो पराली न जलाने वाले किसानों को 1,000 रुपये प्रति एकड़ की प्रोत्साहन राशि देता है। सरकार इस राशि को और बढ़ाने की योजना बना रही है और पर्यावरणीय स्थिरता में रेड-जोन से ग्रीन-जोन में परिवर्तन करने वाले पंचायतों को नकद पुरस्कार देकर मान्यता देने पर विचार कर रही है।
कृषि मंत्री ने राज्य के किसानों को आश्वासन दिया कि प्रदेश सरकार कृषि उत्पादन को बढ़ाने, किसानों के कल्याण को सुनिश्चित करने और हरियाणा को टिकाऊ और नवीन खेती के रास्ते पर ले जाने के लिए प्रतिबद्ध है।