Thursday, January 30, 2025
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Khatu Shyam mela: खाटूश्याम मेले की एडवाइजरी जारी, VIP दर्शन, कांच की बोतल में इत्र, 8 फीट ऊंचे निशान और कांटेदार गुलाब पर बैन

Khatu Shyam mela Advisory: बाबा खाटूश्याम का फाल्गुन लक्खी मेला 28 फरवरी से 11 मार्च तक आयोजित होगा। वार्षिक फाल्गुन लक्खी मेले की तैयारी और व्यवस्थाओं को लेकर मेला मजिस्ट्रेट कार्यालय में बैठक हुई। इस बैठक में जिला कलेक्टर मुकुल शर्मा, एसपी भुवन भूषण यादव ने व्यवस्थाओं से जुड़े संबंधित विभागीय अधिकारियों से चर्चा की।

इन चीजों पर रहेगा प्रतिबंध

इस बैठक में कई अहम फैसले लिए गए हैं। इस बार प्रशासन ने भारी भीड़ आने की संभावना को देखते हुए निशान की ऊंचाई 8 फीट निर्धारित की है। इससे ज्यादा ऊंचाई वाले निशान को मेले एंट्री नहीं दी जाएगी। मंदिर में कांच की बोतलों में इत्र और कांटेदार गुलाब बेचने वालों पर भी कार्रवाई होगी। मेले की व्यवस्थाओं को बनाए रखने के लिए खाटू थाने में कंट्रोल रूम बनाया जाएगा।

VIP दर्शन पर बैन

जिला कलेक्टर मुकुल शर्मा ने बताया कि मेले में इस बार दर्शन व्यवस्था से लेकर ट्रैफिक रूट के संबंध में भी कई बदलाव किए गए हैं। वहीं, इस बार सरकारी प्रोटोकॉल वाले वीआईपी लोगों को छोड़कर सभी के लिए वीआईपी दर्शन व्यवस्था पूर्णतया बंद रहेगी। खाटू पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को सुगम दर्शन कराने के लिए इस बार क्यूआर कोड जारी किया जाएगा। श्रद्धालु ये क्यूआर कोड स्कैन कर मंदिर परिसर तक आसानी से पहुंच सकेंगे और सुगमता से बाबा श्याम के दर्शन कर सकेंगे।

वहीं, रींगस से खाटू तक कारपेट बिछाया जाएगा और पहले की तरह 14 लाइन से ही दर्शन होंगे। मंदिर कमेटी अपने सोशल मीडिया पेज और वेबसाइट पर दर्शनों का समय शेयर करेगी। मेले की सीसीटीवी कैमरों से प्रभावी मॉनिटरिंग के लिए सेंटर बनेंगे। शराब पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। धर्मशाला में 50 से ज्यादा कमरे होने पर 15% रूम और होटल व गेस्ट हाउस में 5% कमरे प्रशासन के लिए रिजर्व होंगे।

डीजे पर भी रहेगा बैन

वहीं, मंदिर परिसर, मेला मजिस्ट्रेट, कंट्रोल रूम खाटू और कंट्रोल रूम सीकर में स्थापित होंगे। कंट्रोल रूम सीकर से कलक्टर-एसपी सीधे तौर पर मॉनिटरिंग कर पाएंगे। धारा-144 के तहत रींगस रोड से ही डीजे पर बैन रहेगा।

जिला कलेक्टर मुकुल शर्मा ने बताया कि सीकर-रींगस रोड पर मंडा मोड के आस-पास छोटे वाहनों के लिए बड़ी पार्किंग व्यवस्था विकसित की जाएगी। यहां से श्रद्धालुओं को बसों द्वारा 52 बीघा पार्किंग तक ले जाया जाएगा। जहां से मंदिर में दर्शन करने के लिए सभी श्रृद्धालु पैदल ही जाएंगे।

52 बीघा पार्किंग का इस्तेमाल सिर्फ मिनी बसों की पार्किंग के लिए ही किया जाएगा। इसके अतिरिक्त अन्य वाहन यहां पर नहीं आएंगे। भंडारा लगाने का समय तय किया जाएगा। ई-रिक्शा चालकों के लिए अलग-अलग जोन बनाए जाएंगे और उनके पास जारी किये जायेंगे तथा बिना पास वाले इ-रिक्शा को तत्काल सीज करने की कार्रवाई की जाएगी।

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