कुरुक्षेत्र। खेतों में पड़े अवशेष/पराली ना जले इसके लिए जिला प्रशासन द्वारा टीमें गठित करके पूरी निगरानी रखी जा रही है। इसी कड़ी में खेतों में आगजनी घटनाओं के तहत गांव किरमच, गांव सराय सुखी व गांव बीड सोंटी के ग्राम सचिवों, सरपंचों व नंबरदारों को कारण बताओं नोटिस जारी किया गया है। इसके साथ-साथ संबंधित गांवों के पडऩे वाले थाना प्रबंधकों के खिलाफ भी पुलिस अधीक्षक को कार्रवाई के लिए लिखा गया है।
उपायुक्त राजेश जोगपाल ने कहा कि जिले में खेतों में अवशेष ना जले इसके लिए शुरू से ही विभिन्न गतिविधियों एवं कार्यक्रमों के माध्यम से किसानों व आमजन को जागरूक करने का काम किया गया है। संबंधित अधिकारियों की क्षेत्रवार डयूटी लगाकर उन्हें इन घटनाओं की सूचना मिलते ही तुरंत मौके पर जाकर कार्रवाई के लिए निर्देश दिए गए है। जिला प्रशासन का मकसद किसानों के चालान काटना नहीं है अपितु खेतों में पड़े अवशेषों का कृषि यंत्रों के माध्यम से उनका निस्तारण करना है। उन्होंने कहा कि सेटेलाइट के माध्यम से भी आगजनी की घटनाओं पर पैनी नजर रखी जा रही है। गांव किरमच सराय सुखी व गांव बीड सोंटी के ग्राम सचिवों, सरपंचों व नंबरदारों को कारण बताओं नोटिस जारी करते हुए स्पष्ट निर्देश दिए गए है कि खेतों में अवशेष नहीं जलने चाहिए। उन्होंने बताया कि गांव किरमच के तहत इंस्पेक्टर दिनेश, गांव सराय सुखी के तहत सब इंस्पेक्टर राजपाल, गांव बीर सोंटी के तहत एसआई कुलदीप को कारण बताओं नोटिस जारी किया गया है।
उन्होंने यह भी बताया कि खेतों में अवशेष जलने की घटनाओं के तहत 26 गांवों के ग्राम सचिवों को भी कारण बताओं नोटिस जारी किया गया है। खेतों में जो अवशेष जलते वह हम सबके लिए हानिकारक है इससे मानव जीवन के स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव पड़ता है वहीं भूमि की उर्वरा शक्ति भी कमजोर हो जाती है। उपायुक्त ने स्पष्ट किया कि पराली जलने की जहां पर भी सूचना मिले वहां पर तुरंत कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। इसके साथ-साथ रैड एंट्री भी दर्ज होगी।
कृषि विभाग के उपनिदेशक डा. कर्मचंद ने बताया कि जिला कुरुक्षेत्र में अभी तक 71 जगहों पर आगजनी की घटनाओं की सूचना मिली थी,जिनमें से 45 जगहों पर आगजनी की घटना की पुष्टि हुई और सम्बन्धित टीमों ने मौके पर जाकर कार्रवाई की। इस कार्रवाई के दौरान 1 लाख 12 हजार 500 रुपए का जुर्माना किया गया है तथा 11 किसानों की रेड एंट्री भी दर्ज की गई है। विभाग द्वारा प्रचार वाहन के माध्यम से भी किसानों व आमजन को जागरूक किया जा रहा है कि वे खेतों में पड़े अवशेषों को ना जलाएं।