Mid day meal: बिहार के सरकारी स्कूलों में मिड डे मील को लेकर लगातार मिल रही शिकायतों के बाद शिक्षा विभाग सख्त हो गया है. शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव एस. सिद्धार्थ ने शुक्रवार को तमाम जिला शिक्षा पदाधिकारियों के लिए आदेश जारी किया है. इस आदेश में साफ कहा गया है कि मिड डे मील में गड़बड़ी या अनियमितता पाई जाती है, तो केवल हेडमास्टर ही नहीं, बल्कि जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, जिला कार्यक्रम प्रबंधक और प्रखंड/जिला साधनसेवी भी दोषी माने जायेंगे. इनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जायेगी.
Mid day meal: मिड डे मील में फर्जीवाड़ा की शिकायतें
शिक्षा विभाग की रिपोर्ट के अनुसार कई दिनों से राज्य के विभिन्न जिलों से स्कूलों में बच्चों को दिए जाने वाले मध्याह्न भोजन योजना में फर्जीवाड़ा की शिकायतें मिल रही हैं. शिकायत है कि मेनु के अनुसार बच्चों को खाना नहीं दिया जा रहा है. भोजन की गुणवत्ता खराब पायी गई है. कई मामलों में तो छात्रों की संख्या से कम भोजन आपूर्ति की गई, जिससे बच्चों को उचित पोषण नहीं मिल पाया.
हर स्तर पर तय होगी जवाबदेही
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव एस. सिद्धार्थ ने साफ कहा है कि किसी भी अनियमितता के मामले में कार्रवाई केवल स्कूल के हेडमास्टर तक ही सीमित नहीं रहेगी. अगर किसी भी स्कूल में मध्याह्न भोजन योजना बाधित होती है या निर्धारित मानकों का पालन नहीं होता, तो संबंधित जिला व प्रखंड स्तरीय अधिकारियों पर सीधी कार्रवाई की जाएगी. यह आदेश यह सुनिश्चित करेगा कि योजना का संचालन बिना किसी बाधा और पारदर्शिता के साथ हो.
बच्चों का भोजन करते हुए भी तस्वीर अपलोड करना होगा
नए आदेश के अनुसार, अब मध्याह्न भोजन योजना के प्रभारी शिक्षक स्कूल के प्रारंभ होने के एक घंटे बाद ही बच्चों की उपस्थिति का फोटोग्राफ लेंगे. बच्चों की संख्या के अनुरूप मध्याह्न भोजन बनाने के लिए खाद्यान्न एवं अन्य सामग्री रसोइया को उपलब्ध कराएंगे। उसके बाद बच्चों का भोजन करते हुए भी तस्वीर अपलोड करेंगे.