Sunday, December 7, 2025
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AAP सांसद ने लोकसभा में उठाई बाढ़ पीड़ितों की आवाज, पंजाब के लिए मांगा 50000 करोड़ का पैकेज

आम आदमी पार्टी (AAP) के सांसद मलविंदर सिंह कंग ने लोकसभा सत्र के दौरान पंजाब में हुए भारी नुकसान का मुद्दा उठाया और BJP के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लिए तत्काल ₹50,000 करोड़ का विशेष राहत पैकेज जारी करने की मांग की।

आनंदपुर साहिब से सांसद कंग ने सीधे तौर पर केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित छह जिलों के 2,500 गाँवों को दो महीने बीत जाने के बाद भी केंद्र से एक रुपया भी नहीं मिला है।

सांसद कंग ने सदन को बताया कि कुछ महीने पहले पंजाब में आई भयंकर बाढ़ ने लगभग 2,500 गाँवों को पूरी तरह तबाह कर दिया है और 5 लाख एकड़ से अधिक फसलें बर्बाद हो गई हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि सबसे गंभीर असर सीमावर्ती (बॉर्डर) जिलों में पड़ा, और याद दिलाया कि ये वही जिले हैं जिनके लोगों ने ‘ऑपरेशन संदूर’ के दौरान भारतीय सेना के साथ कंधे से कंधा मिलाकर देश की लड़ाई लड़ी थी।

कंग ने अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री और भारत सरकार के तमाम मंत्री बाढ़ के बाद पंजाब का दौरा करने आए, लेकिन दो महीने बाद भी इन छह जिलों के लोगों को दोबारा पैरों पर खड़ा करने के लिए कोई आर्थिक मदद नहीं दी गई।

उन्होंने केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए केंद्र की दोहरी नीति पर सवाल उठाया: “जब बिहार में चुनाव होते हैं तो आप ₹50,000 करोड़, ₹70,000 करोड़ और यहाँ तक कि ₹90,000 करोड़ के पैकेज की बोलियाँ लगाते हैं।” उन्होंने आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि पंजाब, जिसने देश की आज़ादी की लड़ाई में और देश के अन्न भंडार को भरने में सबसे बड़ा योगदान दिया, उसे संकट के समय अकेला छोड़ दिया गया है। उन्होंने इसे “सबसे बड़ा भेदभाव” बताया और इसके लिए BJP सरकार को जिम्मेदार ठहराया।

सांसद कंग ने हरियाणा और राजस्थान की सरकारों की भी आलोचना की, जो पंजाब के पानी का हिस्सा मांगती हैं, लेकिन आपदा के इस समय में पंजाब का साथ देने में विफल रहीं।

AAP सांसद ने BJP सरकार से तत्काल ₹50,000 करोड़ का विशेष पैकेज जारी करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि यह राशि पंजाब के बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए, जिनके घर, अस्पताल, सड़कें और पूरा बुनियादी ढांचा नष्ट हो गया है, और जिनकी 5 लाख एकड़ फसलें बर्बाद हो गईं हैं, बेहद ज़रूरी है।

उन्होंने स्पष्ट किया कि यह फंड खासकर सीमावर्ती क्षेत्रों के लोगों को फिर से अपने पैरों पर खड़ा होने और खुद का पुनर्वास करने में मदद करेगा, जो राष्ट्र के लिए लड़ते हैं।

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