हरियाणा महिला विकास निगम द्वारा विधवा महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए व्यक्तिगत कारोबार स्थापित करने के लिए बैकों के माध्यम से 3 लाख रुपये तक के ऋण दिलवाने की योजना शुरू की है।
इस योजना के अंतर्गत जिन महिलाओं की वार्षिक आय 3 लाख रुपए तक तथा आयु 18 से 60 वर्ष है, वो इस स्कीम की पात्र होगी, जिसमें कुल ऋण का 10 प्रतिशत हिस्सा महिला को स्वयं वहन करना होगा और शेष राशि बैंकों के माध्यम से दी जाएगी।
कुरुक्षेत्र के उपायुक्त विश्राम कुमार मीणा ने कहा कि बैंक ऋण के ऊपर लगे ब्याज की प्रतिपूर्ति हरियाणा महिला विकास निगम द्वारा सब्सिडी के रूप में अदा की जाएगी। इसकी अधिकतम सीमा 50 हजार रुपए व अवधि 3 वर्ष जो भी पहले होगी। उन्होंने कहा कि इस राशि से महिलाएं विभिन्न क्रियाकलापों के लिए जैसे बुटीक, सिलाई-कढ़ाई, आटो, ई-रिक्शा, मसाला/आचार इकाइयों/ खाद्य प्रसंस्करण, कैरी बैग का निर्माण, बेकरी, रेडीमेंट्स गारमेंट्स, कंप्यूटर जांच वर्क्स शामिल है।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा किसी भी अन्य कार्य जिसको महिलाएं करने में सक्षम हो, उन सभी कार्यों को ऋण देने से पूर्व ट्रेनिंग भी करवाई जाएगी, ताकि महिला को अपने कारोबार या लघु उद्योग स्थापित करने में कार्य कुशलता की कमी महसूस न हो।