रोहतक। रोहतक में बेसहारा गौवंश ने शहर और हाइवे ही नहीं अब गलियों और पार्कों में भी उत्पात मचाना शुरू कर दिया है। पार्कों में छोटे बच्चे अब खेलने भी नहीं जा रहे है। इनमें आपशी झगड़ा होता है तो वह घरों में अंदर तक घुस जाते है। बहुत से लोगों को चोटें तक लग चुकी है। वहीं नगर निगम इन्हें पकड़कर गौशाला में छोड़ने का फरमान तक जारी कर चुका है। लेकिन उसके बाद भी बेसहारा गौवंश की तादाद बढ़ती जा रही है। शीला बाईपास के पास विशाल नगर में गाय द्वारा महिला और उसकी पांच साल की बेटी पर हमला करने का मामला भी सामने आया है। इस हमले में महिला के सिर, कान और हाथ समेत शरीर के अन्य हिस्सों पर गंभीर चोटें आई हैं।
कबीर कॉलोनी निवासी संजीव पांचाल ने बताया कि उसकी पत्नी पूजा गृहणी हैं और करीब 5 वर्षीय बच्ची सिया नर्सरी कक्षा में पढ़ती है। 9 सितंबर को उसकी पत्नी पूजा उसकी बेटी सिया को स्कूल से लेने गई हुई थी। बच्ची को लेकर वापस आ रही थी। विशाल नगर में पैदल ही मां-बेटी घर आ रही थी। इसी दौरान एक गाय आई। गाय से बचने के लिए पूजा अपनी बेटी के साथ सड़क की दूसरी साइड में चली गई। लेकिन गाय ने महिला-बेटी को जोरदार टक्कर मारने का प्रयास किया। पूजा ने अपनी बेटी को भी बचाने का प्रयास किया, लेकिन गाय ने पीछा नहीं छोड़ा। बचने के दौरान गाय ने पहले टक्कर मार दी और उठाकर फेंक दिया। जिसके बाद महिला वहां खाली प्लाट में गिर गई। इसके बाद महिला को टक्कर मारने व पैरों से कुचलने का प्रयास किया। लेकिन पूजा अपनी बच्ची को बचाने व दूर भेजने में सफल रही। इधर, गाय ने महिला को टक्कर मारी, जिसका पता लगते ही आसपास की महिलाएं भी लाठी-डंडे लेकर वहां आ गई। जिन्होंने गाय को दूर भगाया और महिला को बचाया।
सीसीटीवी में कैद हुई घटना
महिला और उसकी बेटी के साथ जिस समय यह हादसा हुआ, यह पूरा हादसा सीसीटीवी में कैद हो गया। हालांकि महिला को इलाज के बाद घर भेज दिया गया। चोट की बात करें तो अंदरूनी चोटें ज्यादा लगी हुई है। यह सब नगर निगम की लापरवाई के कारण चल रहा है। अगर अधिकारी धरातल पर इन्हें पकड़कर गौशाला में छोड़ने का काम करें तो इस तरह के हादसे होने से रूक सकते है। यह सब लापरवाई का ही नतीजा है।
समाज सेवी जसबीर कुमार ने बताया कि बेसहारा गौवंश के कारण छोटे बच्चें पार्कों में जाने से भी कतरा रहे है। क्योंकि अब शाम के समय बेसहारा गौंवश वहां काफी मात्रा में इक्ट्ठा हो जाते है। बच्चों के खेलने की जगह तक नहीं बच पाती है। लोग निगम में इसके लिए शिकायत तक कर चुके। लेकिन इसका समाधान नहीं किया जा रहा है।