हरियाणा सरकार द्वारा प्रदेश में नशे के खिलाफ व्यापक अभियान चलाया जायेगा। इसको लेकर मुख्य सचिव टी.वी.एस.एन. प्रसाद ने सभी उपायुक्तों तथा पुलिस अधीक्षकों को राज्य में नशे की तस्करी में शामिल लोगों पर शिकंजा कसने के लिए एक महीने तक व्यापक अभियान चलाने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने वरिष्ठ नागरिकों और पुलिस अधिकारियों को हरियाणा को नशा मुक्त राज्य बनाने के राज्य सरकार के सपने को साकार करने के लिए अपने कर्तव्यों का निष्ठापूर्वक निर्वहन करने के भी निर्देश दिए। सूचना जुटाने की प्रणाली को और मजबूत करने की आवश्यकता पर बल देते हुए, उन्होंने उपायुक्तों को युवाओं को नशे के चंगुल से बचाने के लिए शिक्षण संस्थानों के प्रमुखों के साथ नियमित बैठकें करने के निर्देश दिए।
उन्होंने निर्देश दिए कि सब डिविजनल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) अपने-अपने जिलों में नशा मुक्ति केंद्रों का औचक निरीक्षण करें। इसके अलावा, उन्होंने सभी हितधारक विभागों के साथ समन्वय बनाए रखने और नशीली दवाओं के खतरे के खिलाफ विभिन्न कार्यक्रमों का प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के लिए सामाजिक न्याय, अधिकारिता, अनुसूचित जाति और पिछड़ा वर्ग कल्याण और अंत्योदय (सेवा) विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक कार्य समूह बनाने की भी घोषणा की।
केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने हरियाणा के विभिन्न जिला अस्पतालों में 14 नशा उपचार सुविधाएं (ए.टी.एफ.) स्थापित करने की मंजूरी दी है। इस योजना के तहत, इनमें से दो नशा उपचार सुविधाएं जिला झज्जर के बहादुरगढ़ और जिला फतेहाबाद के टोहाना में पहले ही स्थापित की जा चुकी हैं।
राज्य में नशा मुक्ति केंद्रों के लिए एक सावधि रेटिंग प्रणाली विकसित करने के लिए एक समिति का गठन किया गया है। रेटिंग प्रणाली तैयार कर ली गई है, जिसकी स्वीकृति मिलनी बाकी है। प्रत्येक नशा मुक्ति केंद्र में मनोचिकित्सकों की नियुक्ति सुनिश्चित करने के लिए एक एस.ओ.पी. तैयार कर स्वास्थ्य विभाग को भेज दी गई है।
खाद्य एवं औषध प्रशासन (एफ.डी.ए.) और स्वास्थ्य विभाग द्वारा उपचाराधीन नशा पीड़ितों को ट्रैक करने के लिए ऐप विकसित करने समेत विभिन्न उपायों पर विचार-विमर्श किया जा रहा है। ट्रैकिंग विवरण को शामिल करने के लिए ‘प्रयास’और ‘साथी’ ऐप को अपडेट किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त, पंजाब के स्वास्थ्य विभाग के नशा मुक्ति रजिस्ट्री पोर्टल का भी अध्ययन किया जा रहा है ताकि इससे अपनाने की सम्भावना तलाशी जा सके।
हरियाणा के स्कूल शिक्षा विभाग ने छात्रों में नशे की समस्या से निपटने के लिए अपने प्रयास तेज कर दिए हैं। सभी जिला शिक्षा अधिकारियों और जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश जारी किए गए हैं इस महत्वपूर्ण मुद्दे से निपटने के लिए नियमित रूप से जागरूकता गतिविधियां आयोजित की जाएँ।
इन प्रयासों को बल प्रदान करने के लिए, राज्य के विभिन्न स्कूलों में 9306 ‘प्रहरी क्लब’ स्थापित किए गए हैं। ये क्लब स्कूल के आस-पास की निगरानी और जोखिम वाले छात्रों की पहचान करने के लिए उत्तरदायी हैं, जो शुरुआती हस्तक्षेप और रोकथाम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
इसके अतिरिक्त, तंबाकू मुक्त शैक्षणिक संस्थानों पर संबंधित डी.ई.ओ. और डी.ई.ई.ओ. द्वारा मुहैया करवाई गई रिपोर्ट को सीधे संबंधित विभाग के साथ साझा किया जा रहा है। इस पहल का उद्देश्य स्कूलों में एक स्वस्थ और नशा मुक्त परिवेश को बढ़ावा देना है, जिससे छात्रों की भलाई और सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।