हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह ने गुरु की नगरी अमृतसर में स्वर्ण मंदिर श्री हरमंदिर साहिब (श्री दरबार साहिब) में मत्था टेका और गुरु साहिब के चरणों में शीश नवाया। मुख्यमंत्री ने लंगर घर जाकर आम आदमी की तरह संगत में बैठकर श्री गुरु का प्रसाद लिया।
उन्होंने लंगर छकने के बाद लगभग 15 मिनट बरतन सेवा भी की। उनके साथ परिवहन राज्य मंत्री श्री असीम गोयल भी मौजूद रहे। इस मौके पर गुरुद्वारा कमेटी द्वारा मुख्यमंत्री को सरोपा व श्री दरबार साहिब का चित्र भेंट किया गया।
बाद में मुख्यमंत्री ने अमृतसर के निकट भगवान वाल्मीकि तीर्थ स्थल राम तीर्थ मंदिर में भी दर्शन किए और भगवान वाल्मीकि की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। मंदिर कमेटी की ओर से मुख्यमंत्री को सरोपा और भगवान वाल्मीकि जी का चित्र भेंट किया गया।
बाद में पत्रकारों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आज सिख गुरुओं की पवित्र नगरी अमृतसर में आकर मन को बड़ा सुकून मिला, ये एक पवित्र स्थान है। गुरुओं की वाणी से हमें संकल्प लेना चाहिए कि जो रास्ता उन्होंने दिखाया था, हम उस पर चलकर खरे उतरेंगे। उन्होंने कहा कि हरियाणा का हर व्यति स्वस्थ हो और अपने जीवन में आगे बढ़े, यही अरदास मैंने गुरु के चरणों में की है। उन्होंने कहा कि यहां आकर मुझे एक नई ऊर्जा और शक्ति मिली है। गुरुओं के चरणों में नतमस्तक होना मेरे लिए सौभाग्य की बात है।
एसवाईएल के मुद्दे पर पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में मुख्यमंत्री नायब सिंह ने कहा कि पंजाब हमारा बड़ा भाई है और बड़े भाई का फर्ज है कि वो छोटे भाई को निराश न होने दे। उन्होंने कहा कि पंजाब-हरियाणा एक ही परिवार है, एक ही घर है, इसलिए बड़े भाई से वे आग्रह करते हैं कि वह हमें पानी दे।