Tuesday, November 5, 2024
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सीटू ने बनाई आंदोलन की रूपरेखा : 10 जुलाई को प्रदेश भर के जिला मुख्यालयों डालेंगे पड़ाव

रोहतक : सीटू ने मांगों के पूरा ना होने पर आंदोलन की रूपरेखा बनाई हैं। न्यूनतम वेतन 26000 रुपए घोषित न करने और औद्योगिक श्रमिक, मनरेगा और निर्माण कामगारों समेत श्रमिकों के मुद्दों के प्रति प्रदेश की भाजपा सरकार के उपेक्षापूर्ण रवैया के खिलाफ आगामी 10 जुलाई को प्रदेश भर के जिला मुख्यालय पर पड़ाव होंगे।

यह निर्णय मंगलवार को सुखपुरा चौक स्थित राज्य मुख्यालय प्रभात भवन में हुई सीटू हरियाणा की राज्य कार्यकारिणी की मीटिंग में लिया गया। मीटिंग की अध्यक्षता सीटू राज्य अध्यक्षा सुरेखा ने की।

मीटिंग में बोलते हुए सीटू उपाध्यक्ष सुरेंद्र सिंह ने कहा कि पिछले करीब 10 साल से हरियाणा में न्यूनतम वेतन में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई। कानूनी रूप से प्रत्येक 5 साल में मजदूरों का वेतन रिवाइज किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा की मजदूर हितों के लिए बने अलग अलग बोर्डों में केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के प्रतिनिधियों को लेने की बजाय सरकार ने अपने पिछल्गू भर्ती कर रखे हैं। जिनका मजदूर हितों से कोई लेना देना नहीं है। ऊपर से सरकार की गलत नीतियों के कारण महंगाई, बेरोजगारी प्रदेश में विकराल रूप धारण कर चुकी है और इसी कुशासन से तंग आकर आंदोलन को मजबूर हो रहे अलग-अलग तबकों पर पिछले 10 साल से जबरदस्त दमन चक्कर चला है। भाजपा के इस तानाशाहीपूर्ण रवैया के खिलाफ लोकसभा चुनाव में जनता ने उसे सबक सिखाया है परंतु भाजपा सरकार हार के बावजूद भी अपनी जनविरोधी नीतियों को बदलने के लिए तैयार नहीं है और भ्रामक प्रचार के माध्यम से जन आक्रोश को भ्रमित करने की भरपूर कोशिश कर रही है।


सीटू राज्य महासचिव जय भगवान ने कहा कि हरियाणा के विकास में मजदूरों का बुनियादी योगदान है लेकिन उनकी न सरकार सुन रही और न ही ब्यूरोक्रेसी। राज्य के उद्योग मजदूरों के लिए आग की भट्ठी बन गए हैं। केवल 2024 में ही  बड़े बड़े कारपोरेट के हित में भाजपा ने कानूनों में बदलाव कर मजदूरों को गुलाम बनाने का काम किया है। निर्माण के कारीगर मजदूरों के हित में बने बोर्ड को पंगु बना दिया गया और सुविधाओं पर अघोषित ताला लगाया गया है। स्कीम वर्कर्स हो, ग्रामीण सफाई कर्मचारी, चौकीदार हो या राज्य के कच्चे कर्मचारी आज उनमें सरकार की नीतियां को लेकर भयंकर रोष है। लोकसभा चुनाव में मजदूरों ने अपने गुस्से का इजहार वोट के रूप में किया है। यदि लगातार अनदेखी की जाती रही तो भाजपा सरकार को सत्ता से बेदखल करने में मजदूर कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। उन्होंने कहा कि वास्तविकता में मजदूरों के अलग-अलग मसलों को हल करने के लिए कोई भी ठोस कदम नहीं उठा रही है।

उन्होंने कहा कि सीटू ने राज्य के श्रम  मंत्री मूल चंद शर्मा को  मजदूरों की मांगों पर वार्ता के लिए समय देने के लिए पत्र लिखा है, परंतु 15 दिन बीत जाने के बावजूद भी अभी तक इस बारे कोई भी जवाब नहीं मिला है। मीटिंग में सरकार के उक्त मजदूरविरोधी रवैए की निंदा करते हुए पूरे प्रदेश में आगामी 10 जुलाई को जिला मुख्यालय पर पड़ाव डालने का आह्वान किया गया। इसके साथ ही जुलाई महीने में अलग-अलग यूनियनों के होने वाले आंदोलन को भरपूर समर्थन देने का ऐलान किया गया। साथ ही अगस्त महीने में होने वाले मजदूर किसानों के संयुक्त अभियान की रूपरेखा को राज्य कार्यकारिणी ने अपनी मंजूरी दी।

मीटिंग में सीटू के प्रांतीय उपाध्यक्ष सतबीर सिंह सुखबीर सिंह सिंह, सुखबीर सिंह , अनिल कुमार, सरोज दुजाना, कोषाध्यक्ष विनोद कुमार,सुनीता, किरण, सुनील दत्त, कामरेड विनोद, ओमप्रकाश अनेजा, अनिल कुमार प्रमुख तौर पर मौजूद रहे।

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