रोहतक। गर्मी में नहर में नहाना मौत की डुबकी बन सकता है। कुछ समय के सुकून के लिए नहर में नहाना जोखिम भरा हो सकता है। अब जैसे-जैसे गर्मी प्रचंड हो रही है। वैसे ही नहर में डूबने के मामले भी सामने आ रहे हैं। अभी 15 दिन में 7 युवक नहर में नहाते समय डूब चुके हैं। यह हालात तब हैं, जब प्रशासन की ओर से नदी व नहरों में नहाने पर प्रतिबंध लगाया गया है। पुलिस भी गश्त करती है, लेकिन यह लोग बाज नहीं आते। रोहतक में गुरुवार शाम को दोस्तों के साथ जेएलएन पर नहाने के लिए गया एक युवक तेज बहाव के साथ बह गया। जिसका अभी तक कुछ पता नहीं चला। युवक की पहचान 20 वर्षीय युवक शोयब के रूप में हुई हैं जो शामली का रहना वाला है और पिछले कई वर्षों से रोहतक के सेक्टर 34 में कारपेंटर का काम कर रहा था।
20 वर्षीय युवक शोयब तेज बहाव में बहा
शोयब वीरवार शाम को दोस्तों के साथ नहाने के लिए जेएलएन नहर में चला गया। जहां पानी का बहाव तेज होने के कारण वह डूब गया। दोस्तों ने इसकी सूचना परिजनों और पुलिस को दी। लेकिन अभी तक शोयब का कुछ पता नहीं चल सका। अर्बन अस्टेट थाना पुलिस के अनुसार नहर में डूबे युवक की न तलाश की जा रही है। इसके लिए एनडीआरएफ की टीमें लगी हुई है। न अभी तक युवक का कुछ पता नहीं चल सका। पानी का तेज बहाव होने न के कारण युवक पानी के साथ काफी आगे तक चला गया होगा, लेकिन जल्द ही डूबे हुए युवक की तलाश कर ली जाएगी। बता दें कि गर्मी के कारण युवा दोस्तों के साथ नहरों की तरफ नहाने जा रहे है जो जानलेवा साबित हो रहे हैं। अभी तक नहर में डूबने से चार युवकों की मौत हो चुकी है।
एक महीने में हुए कई हादसे
इससे पहले पिछले हफ्ते तेज कालोनी के कुणाल की जेएलएन में डूबने से मौत हो गई थी, वह भी दोस्तों के साथ नहर पर नहाने के लिए गया था। दो दिन पहले झज्जर के बाकरा हेड पर कुणाल का शव बरामद हुआ था। कुछ दिन पहले न्यू जनता कालोनी में उत्तर प्रदेश के जिला सहारनपुर से रहने वाले परिवार के दो बच्चों की डूबने से मौत हुई थी। दोनों बच्चों के पिता के मोनू ने सात अप्रैल को पुलिस को अपने बच्चों की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। लेकिन दोनों बच्चों के शव कई दिन बाद नहर से बरामद किए थे। बाद में पता चल था कि नहर में एक दूसरे को बचाने चक्कर में दोनों ही डूब गए थे।
धारा-144 के तहत प्रतिबंधित
साल-दर-साल खास तौर पर गर्मी के दिनों में ऐसे हादसे सामने आते हैं जब नहरों में नहाने की वजह से लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा है। प्रशासन के स्तर पर नहरों में नहीं नहाने के आदेश भी समय-समय पर जारी किए जाते है। धारा-144 के तहत प्रतिबंधित भी किया जाता है। लेकिन, असर के नाम पर भी ऐसा कुछ दिख रहा। जिससे ऐसी घटनाओं पर लगाम लग सके। क्षेत्र से होकर गुजर रही जेएलएन नहर में जिला में सबसे अधिक हादसे होते है।
मौत की छलांग से भी डर नहीं रहे युवा
गर्मी की तपिश से राहत पाने के लिए लोग नहरों में मौत की छलांग लगाने से पीछे नहीं हट रहे। धड़ल्ले से नहरों में नहाने के लिए युवा उतर रहे हैं। जैसे ही दोपहर के समय में गर्मी बढ़ती है तो लोग नहरों में नहाने के लिए चल पड़ते हैं। रोहतक में कई ऐसे स्थान हैं, जहां लोग अकसर नहाने के लिए नहरों में छलांग लगाते हैं। ऊपर से उन्हें रोकने वाला भी कोई नहीं हैं। जिसके कारण वे काल का ग्रास भी बन जाते हैं। स्थिति ऐसी भी बनी हुई है कि पानी का बहाव तेज होने के कारण यहां कई हादसे हो चुके हैं और डूबने के कारण कई लोगों की मौत हो चुकी है। इसके बाद भी नहरों में नहाने वालों की संख्या कम नहीं हो रही।