Thursday, November 21, 2024
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रोहतक में अलर्ट पर स्वास्थ्य विभाग, डेंगू मलेरिया से निपटने के लिए पीजीआई और सिविल अस्पताल में बेड रिजर्व

रोहतक में डेंगू और मलेरिया से बचाव को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने कसी कमर, PGIMS के आपातकालीन विभाग में 8 और नागरिक अस्पताल में 6 बेड रिजर्व, PGI में चार चिकित्सकों की बनाई गई टीम

रोहतक। रोहतक में स्वास्थ्य विभाग अलर्ट पर है और उन्होंने डेंगू मलेरिया से बचाव के लिए कमर कस ली है। डेंगू-मलेरिया से बचाव को लेकर PGIMS और सिविल अस्पताल भी तैयार है। पीजीआई ब्लड बैंक में रक्त की पर्याप्त व्यवस्था है। डेंगू और मलेरिया को लेकर नागरिक अस्पताल में छह बेड रिजर्व रखे गए हैं। सफाई व्यवस्था का भी पूरा ध्यान रखा जा रहा है। वहीं पीजीआई आपातकालीन विभाग में फिलहाल आठ बेड रिजर्व रखे गए हैं। साथ ही डेंगू मरीजों के उपचार के लिए चार चिकित्सकों की एक टीम बनाई गई है। मरीज बढ़ने पर बेड की संख्या बढ़ा दी जाएगी।

यह हैं डेंगू मलेरिया के लक्षण

आपको बता दें फिलहाल इस वर्ष अब तक पीजीआई व नागरिक अस्पताल में डेंगू का एक भी केस नहीं आया है। वहीं चिकित्सकों का कहना है कि हर बीमारी के इलाज के लिए अस्पताल में पर्याप्त सुविधाएं हैं। डॉक्टर्स का कहना है कि अगर किसी को तेज बुखार है और साथ ही त्वचा पर दाने दिखाई दे रहे हैं तो सतर्क रहे। ये डेंगू हो सकता है। अगर बुखार के साथ पेट, सिर, जोड़ो और बॉडी में दर्द की शिकायत भी है तो तुरंत टेस्ट करवाएं। वहीँ अगर बुखार के साथ ठंड लग रही है, उल्टी या फिर सूखी खांसी हो रही है, भूख नहीं लग रही और लगातार पसीना आ रहा है तो ये मलेरिया हो सकता है। ऐसे लक्षण दिखे तो अपना इलाज खुद से न करें और न ही कैमिस्ट से अपनी मर्जी की दवा लेकर खाये, ये जानलेवा हो सकता है।

ब्लड बैंक में पर्याप्त ब्लड

पीजीआई ब्लड बैंक इंचार्ज डॉ. गजेंद्र सिंह का कहना है कि पीजीआई ब्लड बैंक की टीम रोजाना अलग-अलग शिविर से रक्त एकत्रित करती है। दुर्घटना में घायल मरीज को सबसे ज्यादा रक्त की जरूरत पड़ती है, इसका पूरा इंतजाम रखा जाता है। ब्लड बैंक में पर्याप्त ब्लड है। डेंगू के मरीजों को ब्लड की कोई कमी नहीं आएगी। नागरिक अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. पुष्पेंद्र ने कहा कि नागरिक अस्पताल में प्रथम तल पर डेंगू का एक अलग वार्ड अभी से रिजर्व रखा गया है। डेंगू का लार्वा न पनपने पाए इसको लेकर नियमित सफाई की जा रही है। कूलर का नियमित पानी बदला जा रहा है।

स्वच्छ जल में पनपता है लार्वा

बता दें स्वास्थ्य विभाग ने दो महीने पहले ही जिले में निरिक्षण करना शुरू कर दिया था। लोगों को जागरूक करने के लिए भी लगातार प्रयास किये जा रहे थे। आपको बता दें इस मौसम में सात दिन से ज्यादा समय तक साफ जल को खुले में रखने से डेंगू का लार्वा पनपने की संभावना रहती है। ऐसे मौसम में पानी को ज्यादा समय तक खुले में स्टोर रखने से बचना चाहिए। एसी आदि से निकलने वाला पानी कहीं एकत्रित तो नहीं हो रहा इसका पूरा ध्यान रखना चाहिए क्योंकि लंबे समय रखे स्वच्छ जल में डेंगू का लार्वा पनपता है।

यह मच्छर पानी के कंटेनर, ओवरहेड टैंक, सिंटेक टैंक, प्लास्टिक ड्रम, सीमेंट टैंक, धातु के बने ड्रम, फूलदान, बर्डबाथ, मनी प्लांट पात्र आदि में साफ जमा पानी में पनपता है। मच्छर दिन में ही काटता है, एक दिन में 7 से 9 व्यक्तियों को संक्रमित कर सकता है। यह अपने अण्डे सीधे पानी की सतह पर न देकर जलपात्र के किनारे पर देते हैं। अण्डे चिपचिपे होते हैं, ठंडी अवस्था में डेंगू के अण्डे डेढ़ साल तक जीवित रह सकते हैं।

लार्वा को ऐसे करें नष्ट

सोते समय हमेशा मच्छरदानी लगाकर मच्छरदानी के अंदर सोना चाहिए. पूरी आस्तीन के या पूरे शरीर ढंकने वाले कपड़े पहनना चाहिए. शाम के समय दरवाजे, खिड़कियों को बंद करके रखना चाहिए तथा घर के अंदर मच्छर रिपिलेंट मॉसक्विटो कॉइल, नीम पत्तियों का धुआं करना चाहिए. खुले जल के कंटेनरों को तीन दिन में ही रगड़कर साफ करने के बाद उपयोग के लिये पानी भरना चाहिये, जिससे के अंडे से लार्वा न बन पाये। घर व आसपास पानी से भरे सीमेंट के टंकियोंं को ढंक कर रखें।

रखें ये ख़ास सावधानियां

मच्छरों के प्रजनन स्थल जिनका पानी खाली करना संभव नहीं हैं, उनमें प्रति 100 लीटर पानी में 30 एम.एल. पेट्रोल/मिट्टी का तेल/मीठा तेल डालना चाहिये। ऐसा करने से मच्छरों का पनपना रूक जाता है। घर के आसपास 100 मी. के अर्ध्दव्यास में जंगली घास व झाड़ियां आदि न उगने दें। ये मच्छरों के लिये छिपने व आराम करने के स्थल होते हैं। अपने घर में और उसके आस-पास पानी जमा न होने दें, गड्ढों को मिट्टी से भर दें। रूकी हुई नालियों को साफ कर दें। पानी से भरे रहने वाले स्थानों में हरेक सप्ताह टेमोफॉस या मिट्टी का तेल या जला हुआ इंजन ऑईल डालें तथा हैंडपंप के आसपास पानी इकट्ठा नहीं होने दें।

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