Friday, November 22, 2024
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रोहतक जिला जेल में लोक अदालत आयोजित, दो बंदियों को तुरंत रिहा करने के दिए गए निर्देश

- जिला एवं सत्र न्यायाधीश के मार्गदर्शन व प्राधिकरण के सचिव की अध्यक्षता में किया गया आयोजन - सीजेएम अनिल कौशिक ने फौजदारी मामलों की सुनाई के दौरान दो बंदियों की रिहाई के दिए निर्देश

रोहतक। रोहतक के सुनारिया गांव स्थित जिला जेल परिसर में लोक अदालत का आयोजन किया गया। इस लोक अदालत का आयोजन जिला एवं सत्र न्यायाधीश तथा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की अध्यक्षा नीरजा कुलवंत कलसन के मार्गदर्शन में किया गया। लोक अदालत में फौजदारी मामलों की सुनवाई के दौरान दो बंदियों को तुरंत रिहा करने के आदेश दिए गए।

प्राधिकरण के सचिव एवं मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी अनिल कौशिक की अध्यक्षता में आयोजित लोक अदालत में उन्होंने विभिन्न फौजदारी मुकदमों की सुनवाई के दौरान जेल में बंद कैदियों के अधिकारों व भारतीय कैदियों के मानवाधिकारों के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने विभिन्न फौजदारी मुकदमों की सुनवाई के दौरान जेल लोक अदालत में दो बंदियों को तुरंत रिहा करने के आदेश दिये। सीजेएम ने कहा कि यह हर देश का कर्तव्य है कि ऐसे कानून और नियम बनाये, जो अपने नागरिकों के मूल अधिकारों की रक्षा करें। भारत एक लोकतांत्रिक देश होने के नाते अपने नागरिकों को ऐसे अधिकार प्रदान करता है, जिन्हें मौलिक अधिकार कहा जाता है। यह मौलिक अधिकार भारत के संविधान का एक अहम हिस्सा हैं।

अनिल कौशिक ने कहा कि भारतीय संविधान कैदियों के अधिकारों से संबंधित प्रावधानों को स्पष्ट रूप से प्रदान नहीं करता है, लेकिन टीवी वाथेशवर बनाम तमिलनाडु राज्य के मुकदमे में यह माना गया था कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14,19 और 21 बंदियों के लिए भी उपलब्ध हैं। भारत के संविधान के अनुच्छेद 14 में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि राज्य किसी भी व्यक्ति को कानून के समक्ष समानता या भारत के क्षेत्र के भीतर कानूनों की समान सुरक्षा से इनकार नहीं करेगा। हर कैदी को जेल की सलाखों के पीछे होने पर भी सामान्य मानव के रुप में कुछ हद तक अधिकार प्राप्त हैं, जो कि संविधान और जेल अधिनियम 1894 के तहत प्रदान किये गये हैं।

सीजेएम ने कहा कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय भारतीय जेलों में बंद कैदियों के अधिकारों के उल्लंघन के जवाब के प्रति पूरी तरह सक्रिय और सजग है। इसी कड़ी में हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार हर जेल में कैदियों के अधिकारों की रक्षा के लिए लीगल केयर एंड सपोर्ट सेंटर स्थापित किये गये हैं। इस अवसर पर जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण रोहतक के डिप्टी चीफ डिफेंस काउंसल राजबीर कश्यप एडवोकेट, संदीप दलाल, नरेंद्र कुमार, जेल के वरिष्ठ अधिकारीगण व बंदीगण उपस्थित रहे।

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