रोहतक। कोटा से एक दुखद खबर सामने आई है। नीट की तैयारी कर रहे एक कोचिंग छात्र ने फंदा लगाकर सुसाइड कर लिया। मृतक सुमित पांचाल (20) हरियाणा के रोहतक का निवासी था। वह कुन्हाड़ी लैंडमार्क सिटी स्थित हॉस्टल में रहकर मेडिकल की तैयारी कर रहा था। कोटा में इस साल की यह 9वीं घटना है। पिछले साल 2023 में 29 बच्चों ने सुसाइड किया था। 5 मई को सुमित पांचाल का नीट का एग्जाम था। बड़ी बात यह थी कि प्रशासन के दावे के विपरीत जिस सीलिंग फैन से फंदा लगाकर स्टूडेंट ने सुसाइड किया उसमे सुसाइड को रोकने वाला एंटी हैंगिंग डिवाइस भी नहीं लगा हुआ था। परिजन इसे सुसाइड नहीं हत्या का मामला बता रहे हैं।
5 मई को थी नीट की परीक्षा
रोहतक का रहने वाला छात्र सुमित पांचाल एक साल से कोटा में नीट की तैयारी कर रहा था। 1 माह पहले घर से गया सुमित नीट में 10वीं रैंक लाने की बात कहकर गया था, जिसका 5 मई को पेपर था। जब उसने पेरेंट्स का फोन नहीं उठया तो उन्होंने इसकी जानकारी हॉस्टल वार्डन को दी। इसके बाद कमरे का गेट तोड़ा गया तो स्टूडेंट फंदे पर लटका मिला। शव को महाराणा भूपाल सिंह (MBS) हॉस्पिटल में रखवाया गया। पुलिस ने परिजनों को सूचना दी है। परिजनों के आने के बाद शव का पोस्टमार्टम करवाया गया। फिलहाल मौत के कारण सामने नहीं आए। नीट की परीक्षा 5 मई को होगी। इससे पहले स्टूडेंट के सुसाइड करने को पढ़ाई के प्रेशर से जोड़कर देखा जा रहा है। वहीं, परिवार का कहना है कि ये सुसाइड नहीं मर्डर है। कोटा में इस साल अब तक 9 छात्र सुसाइड कर चुके हैं।
दोपहर बाद नहीं आया नजर
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार कोचिंग स्टूडेंट सुमित (20) हरियाणा के रोहतक के विशाल नगर का रहने वाला था। वह 1 साल से कुन्हाड़ी थाना क्षेत्र के लैंडमार्क सिटी के एक हॉस्टल में रह रहा था। बताया जा रहा है कि सुमित दोपहर में खाना खाने के बाद कमरे चला गया। उसके बाद नजर नहीं आया। इस बीच उसके परिजन कॉल कर रहे थे, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। उन्होंने हॉस्टल वार्डन को जानकारी दी। वार्डन ने कमरे का दरवाजा खटखटाया, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। इसके बाद पुलिस को सूचना दी गई।
हॉस्टल में नहीं था एंटी हैंगिग डिवाइस
कोटा डीएसपी राजेश सोनी ने बताया कि रात को साढ़े 9 बजे करीब पुलिस को सूचना मिली। पुलिस मौके पर पहुंची और कमरे का गेट तोड़ा तो सुमित पंखे से फांसी पर लटका हुआ था। सुमित ने पहले भी नीट का एग्जाम दिया था और 5 मई को वह वापस परीक्षा देने वाला था। सुमित के कमरे में एंटी हैंगिग डिवाइस नहीं लगी हुई थी। जबकि प्रशासन ने सभी पीजी और हॉस्टल संचालकों को कमरे में एंटी हैंगिग डिवाइस लगवाना अनिवार्य किया हुआ है। डीएसपी राजेश सोनी ने बताया कि हॉस्टल में 12 में से 10 कमरों में एंटी हैंगिग डिवाइस लगा हुआ था। दो कमरों में नहीं था। उसमें से एक कमरे में सुमित रहता था। एग्जाम के दो-तीन दिन बाद परिजन इसको लेने आने वाले थे। उससे पहले ही ये घटना हो गई।
3 भाई बहन में सबसे बड़ा था सुमित
सुमित के पिता विजयपाल पांचाल (55)शीला बाईपास के पास फेब्रिकेशन वेल्डिंग की दुकान लगाते है। सुमित के परिवार में उसके दादा रामकुमार, पिता विजयपाल, छोटा भाई साहिल और छोटी बहन अंजलि है। उसकी मां सुमन की मृत्यु करीब 3 साल पहले हुई थी। सुमित 3 भाई बहन में सबसे बड़ा था। पिता ने बताया कि सुमित को कोई परेशानी नहीं थी। चार-पांच दिन पहले भी बात हुई थी। बिल्कुल खुश था। कोई प्रेशर नहीं था। हर बार मैं उसको कहता था कि कोई टेंशन नहीं लेना, नंबर आएंगे जितने आ जाएंगे, लेकिन टेंशन नहीं लेनी। सुबह 11 बजे मैंने उसको फोन किया था। उसने फोन नहीं उठाया, दोपहर और शाम को किया तब भी फोन नहीं उठाया। मैंने हॉस्टल वार्डन को फोन किया। तब जाकर उन्होंने ऊपर जाकर देखा।
दादा बोले- एसआईटी गठित कर जांच हो
दादा रामकुमार पांचाल ने बताया घटना वाले दिन सुबह और दिन में स्टाफ (कुक) से बात हुई थी, उन्होंने ठीक-ठाक बताया। मुझे नहीं लगता यह सुसाइड केस है। इसकी SIT गठित कर जांच करवानी चाहिए। चाचा सुरेंद्र ने बताया सुमित की बॉडी को देखकर नहीं लगता है कि उसने सुसाइड किया है। इसके हाथ, बाजू तक लाल है। रस्सी ने 1 इंच गर्दन काट रखी है। उससे लगता नहीं कि यह सुसाइड है। मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम हो।
पिता विजयपाल का कहना है कि जब तक वे सूचना मिलने के बाद कोटा पहुंचे तब तक पुलिस शव उतार चुकी थी। पुलिस ने उन्हें फंदे पर लटके छात्र का वीडियो दिखाया। परिजनों ने धारदार हथियार से हत्या कर शव लटकाने का आरोप लगाया है। परिजन देर शाम पोस्टमार्टम के बाद कोटा से सुमित का शव लेकर चले। देर रात तक घर पहुंचे हैं। परिजनों ने बताया कि अब मंगलवार को ही शव का अंतिम संस्कार किया जाएगा। कोटा में आए देने से हादसे होते हैं। इन पर नकेल कसी जानी चाहिए। यह हॉस्टल व इंस्टीट्यूट की जिम्मेदारी होनी चाहिए। क्योंकि परिजन उनके भरोसे पर ही अपने बच्चों को यहां छोड़कर जाते हैं। परिजनों के लिए बच्चों की बॉडी लेकर जाना कितना दुखदाई है। प्रशासन को समझना चाहिए। हमारे को तो बिल्कुल मर्डर लग रहा है।