Saturday, November 23, 2024
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आचार संहिता के फेर में फंसा रोहतक का सफाई टेंडर, अभी नहीं मिलेगी कूड़े से निजात

रोहतक। आचार संहिता लगने साथ ही निगम के अधिकारी हो या प्रशासनिक कर्मचारी सभी को काम न करने का जैसे बहाना मिल गया है। बुजुर्ग पेंशन शुरू होने की बात हो या फिर कोई दूसरा सरकारी काम सब कुछ आचार संहिता के फेर में फंस चुका है। स्वच्छता सर्वेक्षण 2023 में हरियाणा में प्रथम रहे रोहतक में अब जगह-जगह कचरे का ढेर नजर आ रहा है।

शहर की मुख्य सड़क हो या चौराहा, हर जगह कूड़े बिखरा है। सफाई न होने व कचरे का समय से उठान न होने से वातावरण भी दूषित बना हुआ है। फिलहाल इस समस्या से अभी निजात भी नहीं मिलेगी। क्योंकि सफाई टेंडर भी आचार संहिता के फेर में फंस चुका है। अदालत में अप्रैल में होने वाली सुनवाई भी अब 11 जुलाई को होगी। ऐसे में गलियों में सफाई के लिए अभी इंतजार करना होगा।

रोहतक सिटी की कॉलोनियों व मोहल्लों में जगह-जगह कूड़े के ढेर लगे हैं। कचरे के इन ढेरों में पशु भोजन तलाशते नजर आते हैं। इस कारण सड़कों पर भी गंदगी फैली रहती है। इस समस्या को देखकर लोग परेशान हैं। व्यवस्था बनाने या सुधार की दिशा में कदम भी नहीं उठाए जा रहे हैं। इस कारण बदले मौसम में मच्छर-मक्खियां पनपने लगी हैं। यही हाल रहा तो संक्रामक रोग फैल सकते हैं।

नगर निगम की ओर से सफाई का 49 करोड़ का टेंडर किया जाना है। टेंडर में दो साल के लिए ठेकेदार को दोनों जोन का ठेका दिया जाना है। ठेका तय होने पर ही सफाई व्यवस्था बेहतर होने की उम्मीद है। पिछले कुछ समय से यह टेंडर फाइलों में बंद है। इस बारे में अदालत में अपील की गई है। इसे पुराने ठेकेदार ने चुनौती दी है। बुधवार को इस केस में सुनवाई न होकर अगली तिथि दी गई है।

शहर की सफाई पर नगर निगम प्रशासन हर वर्ष करोड़ों रुपये खर्च करता है। शहर की गलियों की सफाई की जिम्मेदारी निगम के 680 कर्मचारी संभालते हैं। इनमें से कर्मचारी 220 नियमित व 470 कर्मचारी डीसी रेट पर लगे हैं। निगम ने पिछले टेंडर में 22 में 16 वार्ड की गलियों की सफाई का काम ठेके पर दिया था। इसके लिए 16 वार्डों को दो भागों में बांटा गया। वार्ड नंबर 1,3, 4, 6,7, 8 व 17 में गलियों की सफाई का ठेका 24 करोड़ 26 लाख रुपये व वार्ड 12, 13, 14, 15, 16, 18, 19, 20 व 21 का ठेका 24 करोड़ व 75 लाख रुपये में दिया गया था।

नगर निगम एक्सईएन मंदीप धनखड़ का कहना है कि निगम प्रशासन शहर की सफाई को लेकर प्रयासरत है। शहर को साफ-सुथरा बनाने के लिए कर्मचारी काम कर रहे हैं। समय पर कचरे का उठान किया जा रहा है। सफाई टेंडर का मामला अदालत में विचाराधीन है।

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