रोहतक। रोहतक में अस्थल बोहर मठ में प्रतिवर्ष परम सिद्ध शिरोमणि बाबा मस्तनाथ महाराज की स्मृति में लगने वाले तीन दिवसीय सालाना मेला 16 मार्च से शुरू होने जा रहा है। अस्थल बोहर स्थित नाथों के तपोभूमि बाबा मस्तनाथ मठ में 300 साल से वार्षिक मेला लगता आ रहा है। आस्था और संस्कृति के संगम में शनिवार से लगने वाले तीन दिवसीय वार्षिक मेले से पहले व्यवस्थाओं के संबंध में बताया गया है। इस मेले का आयोजन फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी, अष्टमी एवं नवमी (16, 17 व 18 मार्च) को किया जाएगा।
तीन दिवसीय सालाना मेला आस्था और संस्कृति का परम संगम है, जो पिछले 301 वर्षों से आयोजित होता आ रहा है। मेले का आयोजन फाल्गुन मास की शुक्ल पक्ष की सप्तमी, अष्टमी एवं नवमी तिथि को होता है। नाथ संप्रदाय में बाबा मस्तनाथ के प्रति श्रद्धा रखने वाले श्रद्धालु इन दिनों में समाधिस्थल और बाबा के विश्व प्रसिद्ध धूणे पर मत्था टेककर मन्नत मांगते हैं।
विशेष लाइटिंग से मठ की सजावट
पूरी दुनिया में ख्याति प्राप्त अस्थल बोहर मठ आदिकाल से ही योगीजनों की तपस्थली रहा है। जिन श्रद्धालुओं की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं, वह भी समाधिस्थल पर शीश नवाते हैं। सप्तमी से शुरू होने वाले मेले की तैयारियां शुरू हो गई हैं. इस वार्षिक मेले के लिए पूरे मठ प्रांगण को एक अनुपम छटा प्रदान की गई है। विशेष लाइटिंग से मठ को सुशोभित किया गया है। वहीं, बच्चों के मनोरंजन के लिए झूलें आदि का विशेष प्रबंध किया गया है।
90 हलवाई बना रहे हैं प्रसाद
मेले में आने वाले सभी श्रद्धालुओं के लिए भंडारे का भी प्रबंध किया गया है। भंडारे के इंचार्ज बाबा मोतीनाथ रहेंगे। हलवाई श्रवण ने बताया कि यह उनका 31वां भंडारा है। भंडारे में 90 कारीगर काम कर रहे हैं, 15 मार्च को 50 और कारीगर आकर अपने काम में जुटेंगे। इसमें लड्डू, बालूशाही, जलेबी, बर्फी, गोंद पाक, सब्जी-पूरी, आलू-मटर, मिक्स वेज, छोले, मटर-पनीर, दाल मक्खनी एवं चावल श्रद्धालुओं को प्रसाद के रूप में परोसे जाएंगे।