Saturday, September 21, 2024
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हरियाणा सरकार ने किसानों को दी खुशखबरी , मुआवजे को लेकर लगाई शर्त हटाई,पोर्टल पर करें पंजीकरण

हरियाणा। हरियाणा सरकार ने क्षतिपूर्ति पोर्टल से पांच एकड़ तक की फसल के नुकसान का ब्यौरा अपलोड करने की शर्त हटा दी है। वहीं हाल ही में हुई ओलावृष्टि के कारण कृषि फसलों को हुए नुकसान को ध्यान में रखते हुए सरकार ने किसानों से फसलों के नुकसान के दावे प्राप्त करने के लिए क्षतिपूर्ति पोर्टल
सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि किसानों को प्रति किसान 5 एकड़ की सीमा के साथ अपने दावे अपलोड करने के लिए प्रोत्साहित किया गया था। हालांकि, अब विभिन्न क्षेत्रों से प्राप्त अभ्यावेदनों पर विचार करते हुए और अन्य समस्याओं पर विचार करने के बाद सरकार ने पोर्टल से क्षति क्षेत्र के पंजीकरण पर 5 एकड़ की सीमा को हटा दिया है।

हरियाणा के विभिन्न हिस्सों में हाल ही में हुई ओलावृष्टि के कारण कृषि फसलों को हुए नुकसान को ध्यान में रखते हुए सरकार ने राज्य के किसानों से फसलों के नुकसान के दावे प्राप्त करने हेतु क्षतिपूर्ति पोर्टल (https://ekshatipurti.haryana.gov.in/) 15 मार्च, 2024 तक खोल दिया है।सरकार ने किसानों से 15 मार्च तक फसलों के मुआवजे के लिए क्षतिपूर्ति पोर्टल के माध्यम से आवेदन मांगे थे मगर किसान पांच एकड़ से ज्यादा फसल के नुकसान का ब्यौरा दर्ज नहीं करवा पा रहे थे। विभाग के अधिकारियों का कहना था कि यह नियम से पहले से ही है। हालांकि विपक्ष ने इस नियम पर सवाल खड़े किए थे। उनका कहना है कि जिस किसान का पांच एकड़ से ज्यादा नुकसान हुआ है, उसका हर्जाना सरकार को देना होगा।

कृषि मंत्री जेपी दलाल ने बताया कि इस बारे में उन्हें शिकायत मिली है। कुछ लोगों ने इस दिक्कत के बारे में बताया है। सरकार सभी प्रभावितों को मुआवजा देगी। पहले भी सरकार ने किसानों को शत-प्रतिशत मुआवजा दिया है। उन्होंने कहा कि यह प्राकृतिक नुकसान है और सरकार किसानों को जरूर राहत देगी।

कहां कितना नुकसान हुआ है
कृषि विभाग के मुताबिक हिसार में करीब एक लाख एकड़ में गेहूं की फसल और 38 हजार एकड़ में सरसों की फसल को 51 से 75 फीसदी तक नुकसान हुआ है। वहीं, गेहूं की 230 एकड़ और सरसों की 4,571 एकड़ फसल को 76 फीसदी से अधिक नुकसान पहुंचा है। इसके अलावा सरसों की 43,220 एकड़ फसल और गेहूं की 39,065 एकड़ फसल 26-50 फीसदी तक खराब हुई है। कई इलाकों में 25 फीसदी से कम नुकसान हुआ है। वहीं, भिवानी में सबसे ज्यादा नुकसान सरसों की फसल को हुआ है। करीब 4500 एकड़ सरसों की फसल 76 से 100 फीसदी प्रभावित हुई। जबकि 8117 एकड़ 51 से 75 फीसदी प्रभावित है। वहीं, 33772 एकड़ फसल 26 से 50 फीसदी तक प्रभावित हुई है। हालांकि भिवानी में गेहूं की फसल को थोड़ा कम नुकसान पहुंचा है। 21 सौ एकड़ फसल 76 फीसदी से अधिक प्रभावित है। वहीं, 51 से 75 फीसदी 580 एकड़ और 9289 एकड़ 26 से 50 फीसदी फसल प्रभावित है। वहीं, सोनीपत में गेहूं की 17065 एकड़ फसल 76-100 फीसदी, 19635 एकड़ 51-75 फीसदी और 40563 एकड़ 26-50 फीसदी नुकसान पहुंचा है। वहीं, सरसों की 2021 एकड़ 76-100 फीसदी, 2340 एकड़ 51-75 फीसदी और 1577 एकड़ फसल 26-50 फीसदी प्रभावित है। कुरुक्षेत्र में लगभग 63,807 एकड़ फसल प्रभावित हुई है। यहां गेहूं की फसल ज्यादा प्रभावित है। करीब 62200 एकड़ गेहूं और सरसों की 1607 एकड़ फसल को नुकसान पहुंचा है। गेहूं की 500 एकड़ की फसल को 51-75 फीसदी नुकसान पहुंचा है। वहीं, 26-50 फीसदी करीब 12400 एकड़ फसल है। बाकी फसलों को 0-25 फीसदी नुकसान पहुंचा है। वहीं, सरसों की 12 एकड़ फसल 51-75 फीसदी, 280 एकड़ फसल करीब 26-50 और 1315 एकड़ फसल 0-25 फीसदी फसल प्रभावित है। अंबाला में अनुमानित नुकसान करीब 10780 एकड़ का है। इसमें 8500 एकड़ गेहूं, सरसों और तोरिया की 1140 एकड़, सूरजमुखी की 980 एकड़ और 160 एकड़ मक्के की फसल को नुकसान पहुंचा है।

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