Monday, October 21, 2024
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हरियाणा बजट सत्र में गूंजा 500 करोड़ का सहकारिता घोटाला, CM ने दिया ये जवाब

चंडीगढ़। हरियाणा विधानसभा बजट सत्र के सदन में सहकारी परियोजनाओं में घोटाले को लेकर विपक्ष के एक दर्जन विधायकों ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव लगाया है, जिस पर हंगामा हुआ। इंडियन नेशनल लोक दल विधायक अभय चौटाला अपने जवाब में सहकारिता मंत्री बनवारी लाल ने कहा कि वह अब इसका ऑडिट करवा रहे हैं। सालों से इसका ऑडिट नहीं हुआ है। सरकार क्या कर रही थी? मंत्री को बताना चाहिए कि सहकारिता विभाग में लंबे समय से ऑडिट नहीं होने का क्या कारण है? जिन लोगों के नाम घोटाले में सामने आए हैं उनके क्या कार्रवाई की गई? सरकार आरोपियों को बचाने की कोशिश क्यों कर रही है?

जो लोग इस घपले में शामिल है, उनके नाम सामने ले जाएं और उन पर कार्रवाई हो। सरकार ने लीपा पोती के लिए 1990 से ऑडिट के आदेश जारी की है। 2022 में शिकायत आई थी, लेकिन इसकी जांच में दो साल कैसे लग गए। इनेलो विधायक अभय चौटाला ने कहा मंत्री के जवाब से साफ है, भ्रष्टाचार के आरोप लगें हैं, उन्हें कैसे बचाया जाया। INLD विधायक अभय ने कहा सरकार ने माना है सहकारिता विभाग में 100 करोड़ का घोटाला है और मंत्री जी के जिले में 22 करोड़ का घोटाला है।

अभय बोले- दोषी एमडी के RSS से संबंध हैं

INLD विधायक अभय ने कहा एमडी नरेश गोयल के हस्ताक्षर से पैसे निकले हैं। 2014 के बाद से वो एमडी के पद पर हैं। अभय ने कहा नरेश गोयल जो अधिकारी है वो आरएसएस से संबंध रखते हैं उनका परिवार जुड़ा हुआ है। अभय चौटाला ने कहा लीपापोती सरकार करना चाहती है और इसकी जांच 1995 से करवाने की बात की जा रही हैं। अभय चौटाला ने कहा मंत्री जवाब दें कि विभाग का ऑडिट दस साल में क्यों नही करवाया गया। वहीँ कांग्रेस विधायक चिरंजीव राव ने कहा 4 जिलों में 100 करोड़ का घोटाला सामने आया है, लेकिन ये घोटाला 500 करोड़ का है। एमडी नरेश गोयल पर कार्रवाई क्यों नहीं की गई।

अभय बोले- हरियाणा सरकार में 24 घोटाले हुए

कांग्रेस विधायक नीरज शर्मा ने इस मुद्दे पर कहा कि सरकार बताएं कितने लोगों को अब तक गिरफ्तार कर लिया है। जहां ऑडिट जांच पूरी हो चुकी है। अभय सिंह चौटाला ने कहा कि अब तक सरकार में 24 से ज्यादा घोटाले हो चुके हैं, लेकिन किसी एक में भी सरकार ने कार्रवाई नहीं की है। शराब घोटले की जांच तीन अलग-अलग जांच एजेंसी से करवाई गई, लेकिन एक की भी रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की गई। सरकार जांच करके इस मसले की रिपोर्ट कभी ठंडा बस्ती में डाल देगी। अभय चौटाला ने कहा कि मंत्री महोदय बताएं कि सहकारी विभाग में अब तक ऑडिट क्यों नहीं हुआ।

सहकारिता मंत्री बोले- जांच जारी

सहकारी परियोजनाओं में घोटाले से सम्बंधित ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर चर्चा जारी है। सहकारिता मंत्री डॉ बनवारी लाल ने अपने जवाब में बताया कि इस मामले में कई अधिकारियों-कर्मचारियों पर कार्रवाई की गई है। सहकारिता विभाग में हुई इस गड़बड़ी की जांच एसीबी ने की है और कार्रवाई की गई है। बनवारी लाल ने कुछ सहकारी समितियों ने गड़बड़ी की है लेक़िन जैसे ही गड़बड़ी की शिकायत विभाग को मिली जांच के बाद कार्रवाई हुई है।

घोटाले की जांच के लिए बनेगी SIT

विपक्ष के बढ़ते हंगामें को लेकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सदन में घोषणा करते हुए कहा कि ACB के अंतर्गत एक अलग टास्क फोर्स बनाई जाएगी। ये टास्क फोर्स केवल सहकारी समितियों की अनियमितताओं की जांच करेगी। सदन में सहकारिता घोटाले को लेकर बढ़ते विवाद के बीच सीएम मनोहर लाल ने मोर्चा संभालते हुए कहा कि बहुत साल हो चुके हैं। ऑडिट में जो कमियां मिलीं उनके ऊपर संज्ञान लेते हुए एंटी करप्शन ब्यूरो को सौंप दिया। शुरुआत में 4 जिलों में सहकारी विभाग की ऑडिट रिपोर्ट में करीबन 9 करोड रुपए का घपला सामने आया है।

जिम्मेदार अधिकारियों की संपत्तियों और बैंक अकाउंट सील कर दिए गए हैं। एंटी करप्शन ब्यूरो घोटाले की जांच कर रही है सैकड़ों सहकारिता एजेंसियां हैं, उन सभी की जांच होगी।मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र से परियोजनाओं के लिए 328 करोड रुपए मिले थे, जिनमें से करीबन 260 करोड रुपए का ही इस्तेमाल होने की बात सामने आ रही है। 70 करोड़ रुपए अभी भी सहकारिता विभाग के पास हैं।

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