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चंडीगढ़ मेयर चुनाव: sc सुनवाई से पहले आप के तीन
Friday, November 22, 2024
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चंडीगढ़ मेयर चुनाव: sc सुनवाई से पहले आप के तीन पार्षदों ने की बीजेपी ज्वाइन , बीजपी को हुआ ये बड़ा फायदा

चंडीगढ़।चंडीगढ़ मेयर चुनाव को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होने वाली है। लेकिन इस से पहले ही बीजपी को बड़ा फायदा मिल गया। मिली जानकारी के अनुसार एक तरफ चंडीगढ़ मेयर मनोज सोनकर ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया तो वहीं दूसरी तरफ आप पार्टी के तीन पार्षद बीजेपी में शामिल हो गए। अब सवाल ये पैदा होता है कि आखिर इस से बीजेपी को क्या फायदा हुआ ? आइए आपको इसके पीछे कि पूरी गणित गणना समझाते हैं।

बीजेपी को हुआ ये फायदा
बता दें कि रविवार को आम आदमी पार्टी के तीन पार्षद भाजपा में शामिल हो गए हैं। इसमें पूनम देवी, नेहा मुसावत और गुरचरण काला का नाम शामिल है। तीनों पार्षद दिल्ली में पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े की मौजूदगी में बीजेपी में शामिल हो गए। इसी के साथ अब बीजेपी के पार्षदों की संख्या 18 हो गई है। मेयर बनाने के पार्टी को 18 ही वोट चाहिए। ऐसे में अब अगर दोबारा चुनाव होते हैं तो बीजेपी आसानी से जीत हासिल कर लेगी।

सोनकर ने दिया इस्तीफा
वहीं बीजेपी की चंडीगढ़ इकाई के प्रमुख जतिंदर पाल मल्होत्रा ने कहा कि सोनकर ने निगम आयुक्त को अपना इस्तीफा सौंपा है। मल्होत्रा ने कहा कि कांग्रेस और आप के बीच कोई गठबंधन नहीं है और वे केवल जनता को बेवकूफ बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि ‘उन्हें जनता के सामने बेनकाब किया जाएगा। इस बीच बीजेपी के वरिष्ठ नेता अरुण सूद ने कहा कि ‘आप’ के तीन पार्षद उनकी पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए हैं। भाजपा ने 30 जनवरी को महापौर पद के लिए हुए चुनाव में जीत हासिल की थी जिससे आप और कांग्रेस के गठबंधन को झटका लगा था तथा उसने निर्वाचन अधिकारी पर मत पत्रों में छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया था।

ये था मामला
सोनकर ने महापौर पद के लिए हुए चुनाव में ‘आप’ के कुलदीप कुमार को हराया था। सोनकर को 16, जबकि कुमार को 12 वोट मिले थे तथा आठ वोट अवैध घोषित किए गए थे। कुमार ने बाद में उच्चतम न्यायालय का रुख किया था। सुप्रीम कोर्ट ने 5 फरवरी को महापौर चुनाव कराने वाले निर्वाचन अधिकारी को फटकार लगाते हुए कहा था कि यह स्पष्ट है कि उन्होंने मतपत्रों में छेड़छाड़ की थी और उन पर मुकदमा चलाया जाना चाहिए। अदालत ने यह भी कहा था कि अधिकारी का कृत्य लोकतंत्र की हत्या और मजाक है। अदालत ने मत पत्रों और मतदान की कार्यवाही के वीडियो को सुरक्षित रखने का भी आदेश दिया था तथा 19 फरवरी को मामले की अगली सुनवाई के दिन निर्वाचन अधिकारी को व्यक्तिगत रूप से पेश होने को कहा था।

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