चंडीगढ़। किसान संगठनों के आंदोलन पर चुप्पी तोड़ते हुए हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने चंडीगढ़ में कहा है कि इसके लिए सीधे तौर पर पंजाब और दिल्ली की सरकारें जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा कि किसान संगठनों के दिल्ली कूच को लेकर राजनीतिक टिप्पणी करना उचित नहीं है, लेकिन हमें ऐसा प्रतीत होता है कि इन्हें दिल्ली और पंजाब की आम आदमी पार्टी की सरकारों का खुला समर्थन हासिल है। यदि ऐसा नहीं होता तो इन किसान संगठनों को पंजाब की आम आदमी पार्टी की सरकार उन्हें दिल्ली कूच के लिए निकलने ही नहीं देती।
दोबारा नहीं होने देंगे दिल्ली के लाल किले जैसा कांड
मनोहर लाल ने कहा कि पिछले किसान आंदोलन का अनुभव हमारे पास है। हम किसी सूरत में दिल्ली के लाल किले जैसा कांड नहीं होने दे सकते। किसान संगठनों को मिल बैठकर बातचीत करनी चाहिए। उन्हें कानून व्यवस्था को तोड़कर दिल्ली कूच की इजाजत नहीं दी जा सकती।
फसलों की खरीद को लेकर पंजाब पर साधा निशाना
सीएम मनोहर लाल ने कहा कि हमने पंजाब की सीमा में बैरिकेडिंग नहीं की। जितनी भी बैरिकेडिंग है, वह हरियाणा की सीमा में है। पंजाब के किसान संगठन MSP और कर्जमाफी की जो मांग कर रहे हैं, वह हरियाणा सरकार से जुड़ी नहीं है, इन मांगों का सीधा संबंध केंद्र सरकार से है। लेकिन, पंजाब के किसान संगठनों को यह समझने की जरूरत है कि जब हरियाणा सरकार गेहूं और धान समेत 14 फसलों को MSP पर खरीद सकती है तो पंजाब सरकार सिर्फ दो ही फसलों को क्यों खरीद पा रही है? पंजाब सरकार को सबसे पहले हरियाणा में लागू किसान हित की योजनाओं को अपने राज्य में लागू करना चाहिए।