Friday, October 18, 2024
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उज्जैन का ऐसा मंदिर जहां मृत्यु के लिए दीपक जलाते हैं लोग, स्वयं विराजमान हैं यमराज

उज्जैन। उज्जैन को देवों के देव महादेव की नगरी माना जाता है। यहां कई ऐसे मंदिर हैं जो अपने अनोखे इतिहास की वजह से चर्चा का केंद्र बने रहते हैं। अक्सर लोग अपने बेहतर जीवन, आर्थिक तंगी से राहत, अच्छी सेहत की मनोकामनाओं से छुटकारा पाने के लिए मंदिर में भगवान के दर्शन करने जाते हैं। लेकिन क्या आपने सुना है कि उज्जैन में एक ऐसा मंदिर है जहां खासतौर पर लोग मोक्ष की कामना करने के लिए भी आते है। इतना ही नहीं, ऐसा भी कहा जाता है कि इस मंदिर में उनकी प्रार्थना के कुछ ही घंटों में पूरी हो जाती है। आइए जानते हैं इस मंदिर के पौराणिक इतिहास के बारे में।

उज्जैन का अनोखा मंदिर

यह मंदिर है शिप्रा नदी के किनारे स्थित रामघाट पर बना हुआ है। ऐसा कहा जाता है कि यह दुनिया का एकमात्र ऐसा मंदिर है जहां यमराज के साथ धर्मराज और चित्रगुप्त भी विराजित हैं। यहां पर दर्शन करने मात्र से कष्ट, पाप और कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है। उज्जेन के इस धर्मराज चित्रगुप्त मंदिर का उल्लेख स्कंद पुराण और अग्नि पुराण में भी मिलता है। मंदिर के पुजारी पंडित राकेश जोशी के मुताबिक यहां पर यमराज, धर्मराज, चित्रगुप्त और यमराज की बहन यमुना विराजमान है। जो लोग यहां पर दर्शन करने आते हैं उनके कष्ट, पाप और दोष मुक्त हो जाते हैं। इसके अलावा कालसर्प दोष से छुटकारा दिलाने के लिए इस मंदिर का खास महत्व माना जाता है।

सालों पुराना है मंदिर का इतिहास

पंडित जोशी के बताया कि इस मंदिर के ऊपर से कर्क रेखा गुजरती है जिसकी वजह से इस जगह का विशेष महत्व माना गया है। उन्होंने बताया कि पिछले 400 सालों से उनके पूर्वज भी मंदिर में पूजा-अर्चना करते आ रहे हैं। हर साल देशभर से श्रद्धालु यहां पर रोगों से मुक्ति पाने के लिए आते हैं। धर्मराज मंदिर हजारों लोगों की आस्था का केंद्र बना हुआ है। हर दिन हजारों की संख्या में लोग दर्शन करने के लिए आते हैं। इसके अलावा यहां मंदिर में दीपक जलाने का विशेष महत्व है। साथ ही कहा जाता है कि इस मंदिर में दर्शन करने से अकाल मृत्यु के भय से मुक्ति मिलती है।

48 घंटे में मिलता है मोक्ष

पंडित राकेश जोशी के मुताबिक, शारीरिक कष्टों से परेशान जिंदगी और मौत के बीच जूझने वाले व्यक्तियों को वे रक्षा या मोक्ष की प्राप्ति के लिए खास पूजा करवाते हैं। इस मंदिर में पूजा करने के 48 घंटों के अंदर परिणाम देखने को मिलता है। इस मंदिर में पूजा-अर्चना करने से स्वास्थ्य लाभ भी पहुंचता है।

मृत्यु के लिए जलाते हैं दीपक

धर्मराज और चित्रगुप्त का ये अनोखा मंदिर अपनी मान्यता के चलते काफी प्रचलित है। कहते हैं कि शारीरिक कष्टों के चलते जिंदगी और मौत से जूझने वाले लोग इस मंदिर में दर्शन के लिए आते हैं और यहां आकर रक्षा या मोक्ष की कामने करते हुए पूजा करते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर में पूजा करने के कुछ घंटों में ही परिणाम मिल जाता है। कहा जाता है कि अगर किसी व्यक्ति को कोई बीमारी लाइलाज है, तो इस मंदिर में आकर अगर वह व्यक्ति अपने मोक्ष के लिए घी का दीपक जलाता है, तो कुछ समय में ही उसको मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है और उन सभी कष्टों से छुटकारा मिल जाता है।

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