चंडीगढ़। हरियाणा सरकार ने किसान हित में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए यूरिया के छिड़काव में ड्रोन तकनीक उपलब्ध करवाने का निर्णय लिया है। कृषि विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए है कि हर किसान के खेत तक यह सुविधा पहुंचनी चाहिए। यहां यह गौरतलब है कि सरकार नैनो यूरिया के छिड़काव के लिए किसानों की राह आसान बना रही है। प्रदेश में मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर 2023-24 के अगस्त माह तक खरीफ फसल के लिए 8.87 लाख किसानों द्वारा पंजीकरण करवाया गया है। प्रदेश की 60.40 लाख एकड़ भूमि का पोर्टल पर पंजीकरण हो चुका है।
एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल कृषि क्षेत्र में ड्रोन तकनीक को बढ़ावा दे रहे है। साथ ही महिलाओं को भी ड्रोन तकनीक में प्रशिक्षित किया जा रहा है।नैनो यूरिया का छिड़काव ड्रोन से करने की सुविधा सभी को उपलब्ध करवाने का फैसला लेते हुए उसे किसानों को बड़े पैमाने पर उपलब्ध करवाने की सरकार ने तैयारी कर ली है। यह आवेदन ऑनलाइन पंजीकरण से ही हो पाएगा। इसके लिए किसान को अपने मोबाइल या फिर सीएससी सेंटर से मेरी फसल मेरा ब्यौरा के पोर्टल पर पंजीकरण करना होगा। इस पंजीकरण के दौरान ही उसे नैनो यूरिया के लिए भी आवेदन करना होगा और आनलाइन आवेदन के साथ ही फीस भी जमा करवानी होगी।
प्रति एकड़ सौ रुपये ही देना होगा शुल्क
प्रवक्ता के अनुसार किसान को ड्रोन से छिड़काव के लिए प्रति एकड़ सौ रुपये का शुल्क देना होगा। उदाहरण के लिए किसान पांच एकड़ में छिड़काव करना चाहता है तो उसे पांच सौ रुपये का शुल्क देना होगा। ड्रोन कृषि विभाग की ओर से निशुल्क उपलब्ध करवाया जा रहा है। इस समय किसानों द्वारा सरसों व गेहूं में यूरिया का छिड़काव किया जा रहा है। किसान बड़ी संख्या में नैनो यूरिया का प्रयोग भी कर रहे हैं। विभाग की ओर से नैनो यूरिया भी किसानों को उपलब्ध करवा जा रहा है। सरकार ने इस तकनीक को जल्द किसान तक पहुंचाने के लिए प्रत्येक जिले का लक्ष्य निर्धारित किया है।
जागरूकता के लिए किसानों के बीच जाएंगे अधिकारी
प्रवक्ता ने बताया कि इस योजना को ज्यादा से ज्यादा किसानों तक पहुंचाने की जिम्मेदारी कृषि विभाग को सौंपी गई है। विभाग के अधिकारी हर गांव तक किसानों को जानकारी उपलब्ध करवांएगे और उन्हें कम समय में यूरिया के छिड़काव व नैनो यूरिया के लाभ बताएंगे। इससे किसान का छिड़काव में लगने वाला समय कम होगा। प्रत्येक जिले में किसानों को जागरूक करने के लिए गांव स्तर पर तैनात एडीओ इसका प्रचार कर रहे है।
ड्रोन से किसानों को मिलेंगे कई फायदे
प्रवक्ता ने बताया कि एक बारी में ड्रोन 10 लीटर तक लिक्विड लेकर उड़ सकता है और इससे आसानी से खेतों में स्प्रे किया जा सकता है। फसल में यूरिया के छिड़काव को एक जगह खड़े होकर ड्रोन की सहायता से कम समय में अधिक दूरी तक पहुंचाया जा सकता है।अहम बात यह है कि स्प्रे का दुष्प्रभाव भी मानव शरीर पर नहीं पड़ेगा। एक दिन में आसानी से 20 से 25 एकड़ में किसान कीटनाशक स्प्रे का छिड़काव भी ड्रोन की मदद से कर सकता है। खेतों में स्प्रे करते समय जहरीले जीव जन्तु के काटने का डर भी नहीं रहेगा। साथ ही किसान को खेत में फसल के बीच नहीं जाना पड़ेगा और फसल के टूटने का खतरा भी नहीं रहेगा।