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रोहतक में ठगी का हैरान कर देने वाला मामला, दो डॉक्टरों स
Friday, November 22, 2024
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रोहतक में ठगी का हैरान कर देने वाला मामला, दो डॉक्टरों से पार्टनर डॉक्टर ने 22 करोड़ ठगे

मनजीत व उसके पिता सतबीर सिंह ने दोनों भाइयों को परिवार सहित जान से मारने की धमकी दी। उन्होंने कहा कि अगर दोबारा हस्पताल में आये तो भिवानी से रोहतक दूर है तुम दोनों को रास्ते पर ही निपटा देंगे।

रोहतक। रोहतक में ठगी का हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। भिवानी के एक निजी अस्पताल के दो चिकित्सक भाइयों ने अपने पार्टनर डॉक्टर पर 22 करोड़ रुपये की ठगी करने का आरोप लगाया है। आरोपी डॉक्टर ने फर्जी तरीके से अस्पताल के बैंक खाते को अपना निजी खाता बनाकर इसमें से राशि दूसरे खाते में भेज दी। चिकित्सक भाइयों ने बैंक खाते का ब्योरा जांचा तो धोखाधड़ी सामने आई। शिकायत पर पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।

रोहतक के हिसार रोड निवासी डॉ. राकेश व डॉ. मनोज ने पुलिस को शिकायत देकर कहा है कि उनके साथ करीब 22 करोड़ रुपये का फर्जीवाड़ा हुआ है। फर्जी हस्ताक्षर और दस्तावेज तैयार कर स्पेस अस्पताल व बैंक खाते की राशि हड़पने में मनजीत, सतबीर सिंह व अन्य शामिल हैं। हम दोनों भाई हैं। दोनों ने सोनीपत के गोहाना के आदर्श नगर हाल भिवानी निवासी मनजीत के साथ मिलकर एक निजी अस्पताल भिवानी में खोलने की योजना बनाई। इसका नाम SPES अस्पताल रखा। यह फर्म SPES अस्पताल भिवानी के नाम से चलाई जाएगी। इस फर्म में हम तीनों हिस्सेदार रहेंगे। इसमें दोनों भाई 25-25 प्रतिशत व मनजीत 50 प्रतिशत का हिस्सेदार बनने पर सहमति हुई।

डॉ. राकेश व डॉ. मनोज दोनों पेशे से डॉक्टर हैं। उन्होंने मनजीत के साथ मिलकर निजी अस्पताल पुराना बस स्टैंड भिवानी में शुरू किया। इसका Corporation Bank Rohtak में चालू खाता खुलवाया। बाद मनजीत ने इसी बैंक अधिकारियों के साथ साजबाज कर एक खाता भिवानी Corporation Bank में भी फर्जी तरीके से बिना उनकी साईन व संज्ञान के गैर-कानूनी तरीके से उनके खातें में धांधली करके, दस्तावेज फर्जी तैयार करके खाता खुलवा लिया। जबकि उनकी पार्टनरशिप डीड के मुताबिक कहा गया था कि जो भी बैंक से लेन-देन होगा किन्ही भी दो पार्टनर के हस्ताक्षर व सहमति से होगा। कोई भी इकलौता पार्टनर बैंक से लेन-देन नही कर सकता, परन्तु मनजीत व बैंक अधिकारियों-कर्मचारियों के साथ फर्जी दस्तावेजों के सहारे अपने आप को एकल अकाउंट ऑपरेटर बना लिया, जो उन दोनों को बताया ही नहीं गया।

27 जुलाई 2017 बिना बताये 15 लाख रूपये लाठिया इलैक्ट्रिक्स फर्म में मनजीत ने अपने खुद के हस्ताक्षर से ट्रांसफर कर दिए। फिर 14 अगस्त 2017 को रोहतक ब्रांच से 13 लाख रूपये फिर से उसी फर्म में मनजीत ने ट्रांसफर कर दिए। इसी तरह मनजीत ने अपने खुद के हस्ताक्षर से फर्जी फर्म शिव सुपरस्पैशिलिटी हस्पताल बनाकर उसमे भी करोड़ो रूपये ट्रांसफर किये। इस फर्म में मनजीत के पिता सतबीर सिंह पार्टनर है और एक अन्य फर्म बलवंत मैडिकोस में भी करोड़ों रूपये मनजीत ने अपने हस्ताक्षर से ट्रांसफर किये। इसी तरह से बहुत सी ऐसी फर्म के खाते व दोस्तो व रिश्तेदारों और अपने पिता के स्वयं के खातों में लाखों रूपये ट्रांसफर किये।

डॉ. राकेश व डॉ. मनोज का कहना है कि अपने दूसरे हस्पतालों में व्यस्तता कारण मनजीत व उसके पिता सतबीर भिवानी ब्रांच हस्पताल के कार्य देखते है। दोनों से जब भी हम हस्पताल के हिसाब किताब के बारे में पूछते तो वे कहते कि हस्पताल घाटे में है। या फिर कहते कि उन्होंने हस्पताल के लिए कुछ नई मशीने खरीदी है। जब हमने बैंक से स्टेटमैन्ट लेकर चेक की तो फर्जीवाड़े का पता चला। इसके बारे में जब मनजीत से पूछा गया कि इतने करोड़ो रूपये इन खाते में क्यों गए है, जबकि हम दोनो भाईयों के बैंक खातो में आज तक 1 रूपये की राशि भी नही मिली। उधर बैंक का करोड़ो रूपयो का लोन भी अभी तक बाकी है।

पूछने पर मनजीत व उसके पिता सतबीर सिंह ने दोनों भाइयों को परिवार सहित जान से मारने की धमकी दी। उन्होंने कहा कि अगर दोबारा हस्पताल में आये तो भिवानी से रोहतक दूर है तुम दोनों को रास्ते पर ही निपटा देंगे। अब स्पेस हस्पताल की शुरूआत के समय जो हस्पताल ने लोन लिया था वह डॉ राकेश के सुसराल पक्ष की संपति को गिरवी रखा गया था जिसका भुगतान स्पेस हस्पताल को करना था।

ECH Panel के साढ़े 3 करोड़ रूपये आने थे जिससे हस्पताल का लोन चुकाना था। मनजीत ने फर्जी दस्तावेज तैयार करके अपने आपको अधिकृत बनाकर ECH Panel की पेमेंट को रुकवा दिया। मनजीत और उसके पिता ने स्पेस हस्पताल के खातो से करीब 22 करोड़ का फर्जीवाड़ा किया है। सिविल लाइन थाना जांच अधिकारी एएसआई रामपाल ने कहा कि चिकित्सक भाइयों ने अपने पार्टनर के खिलाफ शिकायत दी है। इस पर कार्रवाई करते हुए केस दर्ज कर लिया गया है। मामले की जांच की जा रही है।

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